-सेंट्रल गवर्नमेंट के पर्यटन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश से केवल बिठूर को चुना

-बिठूर को टूरिस्ट स्पॉट डेवलप करने को भेजा गया था 100 करोड़ का प्रोजेक्ट

------

KANPUR: सेंट्रल गवर्नमेंट ने अर्थ गंगा प्रोजेक्ट के लिए यूपी से धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी बिठूर को चुना है। इस योजना के जरिए टूरिज्म को बढ़ावा देने और गंगा के माध्यम से लोगों को रोजगार देने की मुहिम में कार्य किया जाएगा। ऑफिसर्स के मुताबिक फिलहाल सौ करोड़ से बिठूर को पर्यटन की दृष्टि से सजाया और संवारा जाएगा। टूरिस्ट वाटर स्पो‌र्ट्स का लुत्फ उठा सकेंगे। बिठूर से गंगा बैराज तक नौका विहार और क्रूज बोट जेट्टी का भी मजा ले सकेंगे।

इको टूरिज्म को बढ़ावा

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अन्तर्गत बिठूर के घाटों पर काफी काम हुए हैं। अब अर्थ गंगा के तहत इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस होगा। ध्रुव टीला से पत्थर घाट तक साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा। पर्यटक साइकिल से भ्रमण कर सकेंगे। एमपी थियेटर की सुविधा भी दी जाएगी। ताकि लोग अपने परिवार या समूह में आने वाले लोग वहां फिल्में भी देख सकेंगे।

घाटों पर लिखेंगे इतिहास

बिठूर के घाटों पर इतिहास को लिखा जाएगा। पत्थर घाट, ब्रह्मावर्त घाट, ध्रुव टीला समेत बिठूर के सभी घाटों का ब्यूटीफिकेशन किया जाएगा। घाट सोलर लाइटों से जगमगाएंगे। जिससे लोग फैमिली के साथ सुकून के पल बिता सकें। गंगा पौधशाला भी स्थापित होगी। इसमें औषधीय पौधे होंगे। ट्रीटमेंट के बाद ही नालों का पानी गंगा में गिर सकेगा, वहां पौधे लगाए जाएंगे और उसे सेल्फी प्वाइंट के रूप में विकसित किया जाएगा। जालियां भी लगेंगी ताकि प्लास्टिक व अन्य ठोस कचरा गंगा में न गिरे।

बढ़ सकती है कॉस्ट

इस योजना का एक मकसद गंगा किनारे रहने वालों को आर्थिक रूप से संपन्न भी बनाना है। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि प्रोजेक्ट मंजूर हो गया है, जल्द ही डीपीआर तैयार कराई जाएगी। सौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भेजा गया था, प्रोजेक्ट कास्ट और बढ़ सकती है।

---------------

1- वाराणसी की तर्ज पर ही हर दिन गंगा की आरती होगी। आरती के लिए आचार्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था होगी कि गंगा घाटों पर ही बनीं रहेंगी।

2- फूड कोर्ट भी बनाए जाएंगे, जहां कानपुर की प्रसिद्ध मिठाइयां व अन्य पकवान वहां मिलेंगे।

3- धर्मशाला और गेस्ट हाउस की स्थापना होगी। सुलभ प्रसाधन, चेंज रूम,सोविनयर शाप की व्यवस्था होगी।

4- ं मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

5- कार, बस आदि की पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।

6- रोड्स भी चमकेंगी

बिठूर को चुनने की प्रमुख वजह

- ब्रह्मावर्त घाट को सृष्टि की रचना का केंद्र माना जाता है।

- महर्षि वाल्मीकि का आश्रम भी है।

- लव- कुश की जन्मस्थली है

- धुव्र की तपोस्थली है।

- रानी लक्ष्मी बाई का बचपन बीता, युद्ध कौशल सीखा।

---------------