-केस्को ने नगर निगम, जल संस्थान, जल निगम और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को भेजा बकाया बिल, न जमा करने पर कटेगा कनेक्शन
-अगर कनेक्शन कटा तो सड़कों पर छा जाएगा अंधेरा, नलों से नहीं आएगा पानी, सबसे ज्यादा 539 करोड़ रुपए जलकल को हैं चुकाने
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KANPUR : केस्को ने नगर निगम, जल संस्थान, जल निगम और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को 920 करोड़ के बकाए का बिल भेजा है। इसके साथ चेतावनी भी दी है कि अगर बकाया 15 दिन के अंदर न चुकाया गया तो कनेक्शन काटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सवाल ये है कि अगर कनेक्शन काटे गए तो कानपुर की सड़कों पर जल रही स्ट्रीट लाइटों में करंट की सप्लाई बंद हो जाएगी। घरों में जलापूर्ति पूरी तरह से बंद हो जाएगी। वहीं नालों को टैप करने के लिए लगाए गए पंपिंग स्टेशनों के बंद होने से गंगा में करोड़ों लीटर सीवेज फिर से गिरने लगेगा। सबसे ज्यादा बकाया शहर में जलापूर्ति के लिए जिम्मेदार विभाग जलकल का 539 करोड़ है। नगर निगम मार्ग प्रकाश विभाग को 156.15 करोड़ का बिल चुकाना है।
डीएम को लिखा पत्र
केस्को एमडी सौम्या अग्रवाल ने बकाए बिल के भुगतान कराने के संबंध में डीएम विजय विश्वास पंत को पत्र लिखा है। इसकी जानकारी प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज सिंह को भी दी गई है। पेमेंट न होने पर कनेक्शन काटने के लिए भी लिखा गया है। वहीं बता दें कि शासन स्तर पर विभागों के बीच सेटेलमेंट होता है। नगर निगम और केस्को के बीच हाउस टैक्स को लेकर सेटेलमेंट होता है, बावजूद इसके केस्को की बकाएदारी ज्यादा होती है, जो अब 156.15 करोड़ तक पहुंच चुकी है। पिछले कई सालों से केस्को को पेमेंट नहीं की गई है।
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कहां से आएगा पैसा
पिछले 2 सालों से नगर निगम आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। राज्य वित्त आयोग से हर महीने 22 करोड़ रुपए नगर निगम को शासन से मिलते हैं। लेकिन इस बार 80 लाख की और कटौती कर दी गई है। जबकि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन का पहले ही नगर निगम पर 12 करोड़ रुपए बकाया है। अगर शासन से इस बकाये का सेटेलमेंट नहीं हुआ तो जरूरी सेवाओं की लाइन कट कर दी जाएगी।
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केस्को काट चुका है कनेक्शन
इसी साल मार्च महीन में केस्को ने 13 जोनल पंपिंग स्टेशन का कनेक्शन काट दिया था, जिसकी वजह से शहर के एक चौथाई हिस्से की जलापूर्ति ठप हो गई थी। 3 दिन बाद जल निगम ने शासन से मिले 3 करोड़ की पेमेंट की थी, इसके बाद कनेक्शन जोड़े गए थे। बता दें कि शहर में 72 जेडपीएस बने हैं, जिसमें करीब 36 संचालित किए जा रहे हैं। जलकल को हैंडओवर न होने की वजह से इनका संचालन जल निगम कर रहा है। इसके अलावा गंगा बैराज स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का बिल भी इसमें शामिल है। वसूली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अगर केस्को ने कनेक्शन काटे तो इस बार शहर के पूरे हिस्से में इसका प्रभाव पड़ता दिखाई देगा।
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पंपिंग स्टेशन भी आए जद में
प्रदूषण नियंत्रण इकाई के तहत नालों को टैप करने के लिए 8 पंपिंग स्टेशन संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा एसटीपी संचालन का बिल भी इसमें शामिल है। अगर कुंभ के दौरान पंपिंग स्टेशन के कनेक्शन कटे तो नालों के जरिए टेनरी और सीवेज वेस्ट फिर से गंगा में गिरने लगेंगे। ऐसे में बड़ी कार्रवाई शासन स्तर से हो सकती है।
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इनको भेजा गया बिल
विभाग कब तक बकाया
जलकल सितंबर-18 539.89 करोड़
नगर निगम अगस्त-18 156.15 करोड़
जल निगम नवंबर-18 168.30 करोड़
गंगा प्रदूषण- अक्टूबर-18 55.77 करोड़
नियंत्रण इकाई
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कितना बिल बकाया है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मैं इसको चेक करवा लेता हूं कि आखिर इतना बकाया कैसे हो गया? केस्को अधिकारियों से बात की जाएगी।
-संतोष कुमार शर्मा, नगर आयुक्त।
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केस्को ने जो बिल भेजे हैं, इतना बकाया नहीं होना चाहिए। बिलों को विभाग के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर वैरिफाई कर रहे हैं। मेरे हिसाब से जेडपीएस का 55.77 करोड़ और प्रदूषण नियंत्रण इकाई का 13 करोड़ के आसपास बकाया है। 5 करोड़ तक चुकाया जाएगा।
-आरके अग्रवाल, जीएम, जल निगम।
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जलकल का कोई बकाया नहीं है। जो भी होता है वह शासन स्तर पर जमा किया जाता है। जल निगम का अगर बकाया है, उसे ही जमा करना है।
-संजय कुमार सिन्हा, जीएम, जलकल।
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