कानपुर (ब्यूरो)। महाराजपुर कस्बा से सलेमपुर जाने वाले मार्ग में अटवा व ढोकरा गांव के बीच अनियंत्रित तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली ने सामने से आ रहे बाइक सवार छात्र को टक्कर मार दी। छात्र उछलकर सड़क पर जा गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। चालक ट्रैक्टर छोड़कर भाग निकला। आक्रोशित ग्रामीणों ने लगभग दो घंटे तक महाराजपुर-सलेमपुर मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया और हंगामा करने लगे। बवाल की सूचना पर महाराजपुर, नर्वल, कैंट व चकेरी थानों का फोर्स पहुंचा। दो घंटे तक चले हंगामे के बाद बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद लोग शांत हुए और जाम हटाया।
अटवा व ढोकरा गांव के बीच हुआ हादसा
महाराजपुर के त्रिलोकपुर-ढोकरा गांव निवासी किसान राजन पाल का 17 साल का बेटा ऋषभ महाराजपुर के सुरजन ङ्क्षसह इंटर कालेज से इंटर का छात्र था। गुरुवार दोपहर बाद ऋषभ बाइक से घर से महाराजपुर कोङ्क्षचग पढऩे आ रहा था। अटवा व ढोकरा गांव के बीच सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रैक्टर- ट्राली ने बाइक में टक्कर मार दी। ऋषभ बाइक से उछलकर सड़क पर जा गिरा और सिर में गंभीर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर फैमिली मेंबर्स व ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और हंगामा करने लगे। बेटे की मौत से फैमिली मेंबर्स का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने शव रखकर महाराजपुर-सलेमपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। जिसके बाद सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंचा। थाना प्रभारी महाराजपुर संजय पांडेय ने बताया कि ट्रैक्टर चालक की पहचान की जा रही है अभी तहरीर नहीं मिली है ट्रैक्टर अटवा निवासी किसी व्यक्ति का बताया जा रहा है।
दो भाइयों में था बड़ा, 10 दिन बाद था जन्मदिन
ऋषभ दो भाइयों में बड़ा था और एक बहन भी है। मां सीता अपने जिगर के टुकड़े के शव से लिपटकर चीख रही थीं। वो बिलखते हुए कह रही थीं कि दस दिन बाद 15 सितंबर को बेटे का जन्मदिन था। क्या पता था कि बेटा इस तरह छोड़कर चला जाएगा। वह बार-बार बेसुध हुई जा रही थीं।
हेलमेट होता तो बच जाती जान
जरा सी लापरवाही के चलते छात्र की जान चली गई घटना के समय मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाइक चला रहा छात्र हेलमेट नहीं पहने था। जिसके चलते उछलकर सड़क में गिरते ही उसके सिर में गंभीर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। यदि वह हेलमेट पहने होता तो उसकी जान बच सकती थी। वहीं सुरजन ङ्क्षसह इंटर कालेज के प्रबंधक विनय प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि गुरुवार को ऋषभ स्कूल नहीं आया था वह घर से ही दोपहर बाद कोङ्क्षचग आ रहा था।