कानपुर(ब्यूरो)। खुद को गोली मारकर जान देना, छोटी छोटी बातों मेें आपा खो देना, ड्यूटी के दौरान अपराधियों पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल करना, अधिकारियों से अनुशासनहीनता करना, पब्लिक प्लेसेस पर अमर्यादित व्यवहार करना। साथियों से अभद्रता। गाली गलौज करना, वर्कलोड की वजह से मानसिक संतुलन खो देना। पुलिसकर्मियों की बीच इस तरह चीजें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आए दिन इस तरह के मामले भी आते रहते हैं। इन सबके पीछे सबसे बड़ी वजह से मानसिक रूप से कमजोर होना। जिसके चलते पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। जिससे उन्हें मेंटली स्ट्रांग बनाया जा सके। चुनौतियों और वर्क लोड से वो टूटे नहीं। इतना ही नहीं ट्रेनिंग के बाद साइकियाट्रिस्ट पुलिसकर्मियों का टेस्ट लेगा। उसकी रिपोर्ट के के बाद ही नियुक्ति दी जाएगी। वरना ट्रेनिंग में ही बर्खास्तगी हो सकती है।
विदेश से आएंगे एक्सपर्ट
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद नए बैच के दरोगाओं की टे्रेनिंग में परिवर्तन किया गया है। कानून का किताबी ज्ञान सिखाने के साथ उनके ट्रेनिंग कोर्स में सामाजिक ज्ञान और साइकियाट्रिस्ट की क्लासेस भी शामिल की गई हैैं। विदेशों से भी पुलिसिंग के एक्सपर्ट ट्रेनिंग देने के लिए आएंगे। नए कोर्स के मुताबिक ही यूपी की सभी अकादमी में 3700 सब इंस्पेक्टर्स की ट्रेनिंग चल रही है। ये अलग-अलग अकादमी से मार्च-2024 में पास आउट होंगे। अधिकारियों को पूरा विश्वास है कि नई ट्रेनिंग से ये दरोगा मानसिक रूप से मजबूत होकर निकलेंगे।
पहले सिखाया जाता था ये कोर्स
जीडी में लिखा पढ़ी, जीडी की लैंग्वेज, कानून की जानकारी, ऑन लाइन पर्चा काटना, पुलिस के शस्त्रागार में मौजूद वेपन को खोलना-बंद करना, साथ में किस तरह से टारगेट को हिट करना है? भीड़ में किस तरह से खुद को और लोगों को सुरक्षित रखना है। देश की आन, बान, शान के वर्दी धारण करने वाले का धर्म, देशी फाइट के साथ आत्मरक्षा के लिए दूसरे तरीके जो कोर्स में शामिल थे। घुड़सवारी, घटनास्थल के इविडेंस कलेक्ट करना। मौके पर पहुंचकर सबसे पहले क्या करना होता है? पुलिस के लिए सबसे जरूरी चीजें क्या हैैं और उनका कहां क्या प्रयोग है? वीआईपी और वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान कैसे बिहेव करना है?
ट्रेनिंग में शामिल नए कोर्स
फॉरेंसिक साइंस, साइबर साइंस, मनोविज्ञान, सोशलॉजी, पुलिस के लाइट व्हीकल ड्राइविंग, गणना में निपुण, कोई व्यक्ति कितनी देर तक दूसरे की बात सुन सकता है, वीवीआईपी और वीआईपी को पॉयलट करना, टेल कार की ड्यूटी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, रूफ टॉप ड्यूटी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, लैंग्वेज स्किल्स, रेडियो ड्यूटी के दौरान पुलिस के कोड की जानकारी।
नए कोर्स को पास करना जरूरी
पीटीसी मुरादाबाद के अधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि पीटीसी में 1400 सब इंस्पेक्टर को ट्रेनिंग दी जा रही है। शासन से स्पष्ट आदेश है कि पुलिस कर्मी ऐसे हों जो मानवता को समझें, लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें। मानसिक रूप से इतने मजबूत हों कि उनकी नौकरी उनके बच्चे न करेें। इस निर्देश के बाद यूपी की पीटीसी में तैनात अधिकारियों के साथ बैठक हुई। कोर्स में नया क्या शामिल करना है, ये तय किया गया। जिसके बाद ट्रेनिंग शुरू की गई। इनकी ट्रेनिंग में उन बिंदुओं को शामिल किया गया है जो डिप्टी एसपी की ट्रेनिंग में होते हैैं। मेंटली स्ट्रांग करने के लिए बड़े साइकियाट्रिस्ट की क्लास कराई जा रही हैं। पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी भी अपने अनुभव साझा करते हैैंै। ट्रेनिंग में इन्हें बताया जा रहा है कि सबसे पहले देश फिर प्रदेश और उसके बाद परिवार।
फेल होने पर फिर होगी 3 महीने की ट्रेनिंग
दिग्विजय सिंह ने बताया कि जिस दिन से नौकरी में शामिल होते हैैं, उसी दिन से सैलरी चालू हो जाती है। यानी उसी दिन से ट्रेनिंग में शामिल होने वाला सरकारी हो जाता है। एक दारोगा तैयार करने में सरकार तीन से पांच लाख रुपये खर्च करती है। ट्रेनिंग के दौरान अभी तक बर्खास्तगी नहीं की जाती थी, केवल अगले बैच में ट्रांसफर कर दिया जाता था लेकिन अब ट्रेंिनंग के दौरान ही बर्खास्तगी करने का नया नियम भी आ गया है। अहमदाबाद की पुलिस अकादमी में विदेशी फैकल्टी के लेक्चर होते हैैं। इसी तरह पीटीसी में इस बैच को स्कॉटलैैंड के पुलिस अधिकारी ट्रेंड कर रहे हैैं। एक महीने में एक क्लास और दो प्रैक्टिकल क्लास कराई जा रही हैैं। साइकियाट्रिक की रिपोर्ट के बाद ही पासआउट किया जाएगा।
नए कोर्स से होगा ये फायदा (अधिकारियों का दावा)
- वेपंस का रखरखाव बेहतर हो जाएगा।
- वेपंस ऑपरेट करना सीख जाएंगे।
- हाईटेक वेपन भी ऑपरेट कर सकेंगे।
- आत्महत्या की घटनाओं में आएगी कमी।
- कस्टोडियल डेथ के मामले कम हो जाएंगे
- शिकायतकर्ताओं से अच्छा व्यवहार होगा।
- मामलों की जांच गुणवत्तापूर्ण हो सकेगी
-प्रेशर को अच्छे से हैंडल कर सकेंगे
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पुलिस फोर्स को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए कुछ नए कोर्स शामिल किए गए हैैं। 2024 में पास आउट होने वाला बैच हर स्थिति से निपटने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होगा।
ए.सतीश गणेश, एडीजी पीटीएस, मुरादाबाद