- 90 साल की लीज खत्म होने के बाद बीआईसी ने दो प्राइवेट फर्मो के नाम कर दिया नजूल की जमीन का एग्रीमेंट टू सेल
- लीज खत्म होने के पांच साल बाद किया सेल एग्रीमेंट, वहां रहने वाले पांच हजार लोगों को बेघर करने के लिए चस्पा की गई नोटिस
- पीडि़त परिवार के लोगों ने एडीएम सिटी से मिलकर की मामले की शिकायत, दो एसीएम को लगाया गया जांच पर
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KANPUR : लीज खत्म होने के बाद बीआईसी के अरबों की सरकारी जमीन को कौडि़यों के भाव बेचे जाने की साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। स्टेट गवर्नमेंट की परमीशन के बगैर दो प्राइवेट फर्मो के नाम सेल एग्रीमेंट करके करोड़ों रुपए के घोटाले की सीबीआई जांच यूपी सरकार करवा रही है। ताज्जुब यह कि हाईकोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद बीआईसी प्रबंधन यहां रहने वाले पांच हजार लोगों को क्म् जुलाई को बेघर करने की तैयारी में है। ट्यूजडे को पीडि़त लोगों की शिकायत पर एडीएम सिटी ने मामले की जांच के आदेश जारी किये हैं।
90 साल की लीज खत्म
यह पूरा मामला मैकरॉबर्टगंज स्थित कॉलोनी चुन्नीगंज से जुड़ा हुआ है। यहां करीब एक हजार परिवारों के पांच हजार लोग कॉलोनी, झोपडि़यों में रह रहे हैं। मैकराबर्टगंज सुधार समिति के दस्तावेजों के अनुसार यूपी गवर्नमेंट ने क् जुलाई क्9क्क् को दि ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड को नजूल की जमीन 90 साल के लिए लीज पर दी गई थी। मगर, हजारों वर्ग मीटर लीज की डेडलाइन क् जुलाई ख्00क् को समाप्त हो चुकी है। इसके बाद यह जमीन (नजूल संख्या-क्89) दोबारा यूपी सरकार की हो गई। इसके बावजूद बीआईसी ने फ्क् अगस्त ख्00म् व ख्फ् जनवरी ख्007 को आर एंड ए के जनरल मैनेजर आरके मिश्रा के जरिए यह जमीन बिल्डर कमल जैन व शक्ति भार्गव की फर्मो के नाम एग्रीमेन्ट टू सेल कर दिया।
नहीं किया फ्री-होल्ड
बीआईसी अफसरों के इस खेल का खुलासा जब शासन के सामने हुआ। तब फ्क् दिसंबर ख्008 को राज्यमंत्री परिषद की बैठक में बीआईसी को दी गई भूमि संबंधी सभी रियायतें निरस्त करते हुए बीआईसी का फ्री होल्ड प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। इस प्वाइंट पर कमिश्नर कानपुर से जांच आख्या भी मांगने के साथ ही फाइल को वापस कर दिया गया। मैकराबर्टगंज सुधार समिति के अनुसार नजूल की जमीन होने पर दोनों बिल्डर्स का जमीन पर कोई अधिकार नहीं बनता।
हो रहा डेवलपमेंट
शहर के पॉश एरिया चुन्नीगंज स्थित हजारों वर्गमीटर जमीन पर एक हजार परिवार रह रहे हैं। यहां की कुल आबादी करीब पांच हजार के आसपास है। समिति अध्यक्ष सुधाकर मिश्रा ने बताया कि इस कम्पाउंड में रह रहे लोगों की नजूल भूमि आवंटन की कई एप्लीकेशन (नजूल विभाग व केडीए में) लंबित हैं। मार्ग प्रकाश, नगर निगम द्वारा सड़क, हैंडपंप, सबमर्सिबल पम्प लगाने का काम विधायक निधि से किया जा रहा है। यहां रहने वाले ख्700 लोग वोटर हैं। फिर भी यहां का कैम्पस खाली करने के आदेश जारी किये गये हैं।
दो एसीएम करेंगे जांच
बीआईसी कम्पाउंड में रहने वालों ने जब एडीएम सिटी अविनाश सिंह से मिलकर इस पूरे खेल की जानकारी दी। तो वह भी चौंक गए। उन्होंने फौरन मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए। जांच में किसी तरह की गड़बड़ी न हो। इसीलिए एसीएम लेवल रैंक के दो अधिकारियों को मामले की तहकीकात करने के लिए कहा गया है। इससे पहले वहां लाल इमली की कानपुर वूलेन मिल्स ब्रांच के जीएम एमके वर्मा की तरफ से नोटिस चस्पा कर दी गई है। जिसके अनुसार करीब एक हजार परिवारों को क्भ् जुलाई तक अपनी स्वेच्छा से कब्जा खाली करने को कहा गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर लोगों ने स्वेच्छा से कब्जा नहीं छोड़ा तो क्म् जुलाई से अपर नगर मजिस्ट्रेट व सीओ कर्नलगंज के निर्देशानुसार पुलिस फोर्स द्वारा खाली करवाया जाएगा। अवैध कब्जे हटाने में किसी प्रकार की जिम्मेदारी अवैध कब्जेदारों की होगी। साथ ही खाली करवाने का शुल्क भी वसूला जाएगा।
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वर्जन वर्जन
ø लीज खत्म होने के बाद जमीन नजूल की हो जाती है। बीआईसी ने किन बिंदुओं के तहत दो फर्मो के नाम एग्रीमेन्ट टू सेल कर दिया है। इसकी जांच दो एसीएम से करवाने के निर्देश जारी किये गये हैं।
- अविनाश सिंह, एडीएम सिटी
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