कानपुर (ब्यूरो) नौबस्ता, किदवई नगर, गोविन्द नगर, बर्रा विश्व बैंक आदि मोहल्लों में लाखों की आबादी रहती है। लेकिन साउथ सिटी में कोई भी गवर्नमेंट हॉस्पिटल नहीं है। जबकि साउथ सिटी का विस्तार एक तरफ पांडु नदी और दूसरी ओर गुजैनी को पार कर चुका है। वहीं साउथ सिटी से पेशेंट्स को नार्थ सिटी स्थित हैलट, उर्सला पहुंचने में सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम की है। कभी अनवरगंज-कासगंज रेलवे क्रॉसिंग बन्द रहने के कारण जाम लगा रहता है तो कभी जल्दी निकलने की होड़ में गोविन्दपुरी, नयापुल, जूही पुल जाम रहता है। इससे बचे तो जीटी रोड पर ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है। इस वजह से कई पेशेंट्स की हॉस्पिटल पहुंचने से पहले रास्ते में मौत हो चुकी है। इसी वजह से साउथ सिटी के नौबस्ता व बर्रा के बीच गवर्नमेंट हॉस्पिटल बनाए जाने की मांग हो रही थी।

शासन की मिल चुकी मंजूरी
वर्ष 2016 में सीएमओ की तरफ से केडीए से नौबस्ता, बर्रा आदि एरिया में 100 बेड के हॉस्पिटल के लिए जमीन की मांग की गई। इससे पहले शासन को भी प्रपोजल भेजा गया था। जिसे सहमति मिल गई थी। पहले बर्रा विश्व बैंक में 100 बेड के हॉस्पिटल के लिए जमीन चिन्हित की गई, लेकिन विवादों के चलते केडीए नौबस्ता मौरंग मंडी में जमीन देने को तैयार हो गया। वर्ष 2019 में केडीए ने 100 बेड के लिए हॉस्पिटल के लिए जमीन भी आवंटित कर दी। इस जमीन पर हॉस्पिटल बनाने के लिए शासन ने लगभग 44.44 करोड़ का प्रपोजल भी पास कर दिया।

6 करोड़ आवंटित कर दिया गया
इसके लिए राजकीय निर्माण निगम को नोडल एजेंसी चुना गया। साथ ही शासन ने निर्माण शुरू करने के लिए 6 करोड़ का बजट भी आवंटित कर दिया। बावजूद इसके एक साल से हॉस्पिटल का निर्माण टेंडरबाजी आदि में लटका हुआ था। राजकीय निर्माण निगम के इंजीनियर बीडी वर्मा ने बताया कि 10 हजार स्क्वॉयर मीटर जमीन पर चार मंजिला हॉस्पिटल बनाया जा रहा है.एसीएमओ सुबोध कुमार ने बताया कि 100 बेड का हॉस्पिटल बनाने की जिम्मेदारी नोडल एजेंसी राजकीय निर्माण निगम की सौंपी गई है।
श्रेय लेने की होड़
लंबे समय बाद साउथ सिटी में हॉस्पिटल की डिमांड पूरी होते देख अब श्रेय लेने की होड़ मच गई है। नौबस्ता हमीरपुर रोड, केशव नगर, साकेत नगर रोड, बाईपास रोड पर हॉस्पिटल के भूमिपूजन को लेकर नेताओं ने होर्डिंग, फ्लैक्स लगा दी गई है।

साउथ सिटी हॉस्पिटल
स्थान -- केशव नगर नौबस्ता
एरिया -- 10 हजार स्क्वॉयर मीटर
सिविल वक्र्स आदि-- 27. 46 करोड़
इलेक्ट्रिक वक्र्स आदि-- 6.48 करोड़
टोटल प्रोजेक्ट कॉस्ट-- 44.44 करोड़
बजट मिल चुका-- 6 करोड़
कम्प्लीशन टारगेट-- 2 वर्ष
नोडल एजेंसी-- राजकीय निर्माण निगम
-- 4 मंजिला होगी हॉस्पिटल की बिल्डिंग
-- 100 बेड की होगी क्षमता
-- 8 चिकित्साधिकारी आवास
-- 16 श्रेणी दो के आवास होंगे
-- 8 रूम का होगा नर्सेज हॉस्टल

ये सुविधाएं होगी
ओपीडी, इमरजेंसी, मेडिसिन, आर्थो, गायनी, बाल विभाग, आंख, नाक, कान, गला आदि विभाग होंगे। मेल व फीमेल के लिए अलग-अलग वार्ड होंगे। आईसीयू की भी सुविधा होगी।