कानपुर(ब्यूरो)। शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड से बचने के लोग कोयला, अंगीठी, हीटर और ब्लोअर का खूब यूज कर रहे हैं। लेकिन, इनका इस्तेमाल में जरा सी लापरवाही आपकी खुशियों में आग लगा सकती है। इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कोयले की आग से निकलने वाले धुंए से पूरी फैमिली का दम घुटने की खबर भी आपने पढ़ी व सुनी होगी। बंद कमरे में कोयले की अंगीठी ही नहीं ब्लोवर व हीटर का यूज भी जानलेवा साबित हो सकता है। बंद कमरे में लंबे समय तक इनका यूज करने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और कॉर्बन डाईऑक्साइड(सीओटू) की मात्रा बढ़ती जाती है। जिससे दम घुटने लगता है।
सोते सोते बेहोश
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी प्रो। डॉ। रिचा गिरी का कहना है कि ठंड की वजह से हैलट में डेली तीन से चार पेशेंट सीओ-2 नार्कोसिस के आ रहे हैं। जिनमें से कुछ इतने गंभीर होते है कि उनको आईसीयू में भर्ती किया जाता है। डॉ। रिचा ने बताया कि डेली तीन से चार पेशेंट बेसुध हालत में आ रहे हंै। परिजनों से बातचीत करने पर पता चलता है कि कमरे में सोते-सोते वह बेहोश हो गए। पेशेंट की जांच कराने पर उनके शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा मानक से काफी अधिक निकली। लिहाजा पेशेंट की हिस्ट्री चेक की गई तो पता चला कि ठंड की वजह से उनके रूम में ब्लोवर व रूम हीटर का यूज लगातार घंटों समय तक होता है।
सोने से पहले जरूर बंद कर दें
डॉक्टर्स के मुताबिक ठंड के मौसम में बंद कमरे में कोयले की आग, ब्लोवर व रूम हीटर का यूज करने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सोने से पहले उसको बंद कर दे। क्योंकि ठंड में रजाई से बाहर निकल ब्लोवर व रूम हीटर को न बंद करने का आलस उनकी जिंदगी पर भारी पड़ सकता है। इसके अलावा दिन में भी बंद कमरे में ब्लोवर व हीटर का यूज अधिक समय के लिए नहीं करना चाहिए। अगर रूम में हीटर व ब्लोवर चल रहा है तो कमरे का दरवाजा व विंडो समय-समय पर थोड़ी देर के लिए खोल कर रखना चाहिए।
कैसे बन जाता जानलेवा
प्रो। रिचा गिरी ने बताया कि बंद कमरे में कोयले की आग, रूम हीटर व ब्लोवर का यूज छह से 8 घंटे तक लगातार करने से कमरे के अंदर मौजूद नेचुरल ऑक्सीजन व मनुष्य के शरीर में मौजूद ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। इसका अंदाजा मनुष्य को सोते समय नहीं हो पाता है। लिहाजा वह सांस के माध्यम से कमरे के अंदर रूम हीटर व ब्लोवर से निकलने वाली कार्बन मोनोक्साइड को लेता रहता है। कुछ समय के बाद कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है। जिससे मनुष्य पूरी तरह बेहोश हो जाता है। सांस के माध्यम से लंग्स में जाने वाले कार्बन पार्टिकल्स वाइटल ऑर्गन्स को डैमेज कर देते हंै। जिससे उसकी जान भी जा सकती है।
इन बातों का रखे ध्यान
-बंद कमरे में हीटर, ब्लोवर व कोयले की आग या अंगीठी का यूज न करें
- इससे रूम में ऑक्सीजन कम और कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ जाती है
-अगर कमरे में इनका यूज करना जरूरी है तो विंडो व दरवाजा खोल कर रखें
-सोने से पहले रूम हीटर, ब्लोवर को बंद कर रहे, अंगीठी को बाहर कर दें
-बिस्तर के ऊपर या बेहद करीब हीटर या अंगीठी को कतई न रखें
-हीटर, ब्लोवर केा यूज लगातार न करें, बीच में इसे स्विच ऑफ कर दें
- हीटर या ब्लोअर चल रहा है और वहां छोटे बच्चे हैं तो खास ध्यान रखें
- हीटर औ ब्लोअर को कमरे में खुला छोडक़र अधिक देर के लिए न जाएं
- रूम में सोते-सोते बेहोश हो जाने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में दिखाएं