कानपुर(ब्यूरो)। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में आग से जले-झुलसे मरीजों और एसिड अटैक पीडि़तों का इलाज दिसंबर से शुरू हो जाएगा। इमरजेंसी के सामने निर्माणाधीन बर्न यूनिट को लेकर फ्राइडे को शासन ने समीक्षा बैठक की। इसमें 26 बेड के विभाग को जल्द शुरू कर 13 जिलों के मरीजों को लाभ पहुंचाने की योजना बनाई गई। इस यूनिट में 20 सामान्य बेड के साथ छह आईसीयू और एक ऑपरेशन थिएटर भी होगा।
उर्सला रेफर कर देते
कोरोना के बाद से बर्न केस के मरीज हैलट में भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। जबकि शहर समेत आसपास के 10-12 जिलों से भी जले-झुलसे और एसिड अटैक से पीडि़त इलाज के लिए हैलट इमरजेंसी आते हैं। यहां से उन्हें उर्सला रेफर कर दिया जाता है। कई बार इस भाग-दौड़ में देरी होने के कारण पेशेंट की जान तक चली जाती है। जहां पर आठ बेड की ही सुविधा है। ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के हैलट
अस्पताल में बन रही 26 बेड की बर्न यूनिट मरीजों को राहत पहुंचाएगी।
पीजी की पढ़ाई भी होगी
बर्न यूनिट के लिए 6.50 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। जिसमें से 4.31 करोड़ रुपये से भवन निर्माण और शेष धनराशि से उपकरणों की खरीद होनी है। हैलट अस्पताल के एसआईसी प्रो। आरके ङ्क्षसह ने बताया कि बर्न यूनिट को अलग विभाग बनाकर संचालित किया जाएगा। इसमें भविष्य में पीजी की पढ़ाई कराने की भी योजना है।