-रेफरल लेटर हाथ में लेकर भी कोविड हॉस्पिटल नहीं कर रहे हैं एडमिट, रेफरल लेटर भी नहीं आया काम
-पुलिस से शिकायत के बाद भी फॉर्च्यून हॉस्पिटल में देर रात पेशेंट का नहीं हुआ एडमिशन, सुबह हुई मौत
KANPUR: कोविड पेशेंट्स को एडमिट करने के लिए सरकार ने तो रेफरल लेटर की व्यवस्था खत्म कर दी है लेकिन तीन दिन के बाद भी ये आदेश शायद हॉस्पिटल्स तक नहीं पहुंचा है। प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल बिना रेफरल लेटर के एडमिट नहीं कर रहे हैं। इसके बाद भी बड़े-बड़े दावे करने वाले अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। ऐसा ही एक मामला संजय गांधी नगर का सामने आया है। 71 वर्षीय कमलेश त्रिपाठी कोविड पॉजिटिव थी। परिजन हॉस्पिटल में एडमिट कराने के लिए बीते 7 दिनों से दौड़ते रहे। घर पर ही ऑक्सीजन देते रहे। एडमिशन के लिए पहले रेफरल लेटर मांगा गया है। दौड़भाग कर सीएमओ से शारदा नगर स्थित फॉच्र्यून हॉस्पिटल के लिए रेफरल लेटर मिला। लेकिन मौके पर जब पेशेंट को एडमिट करने के लिए गए तो हॉस्पिटल ने मना कर दिया। सुबह पेशेंट ने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने लगाई गुहार
मृतक कमलेश के बेटे प्रशांत त्रिपाठी ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद भी जब एडमिशन नहीं मिला तो ट्यूजडे देर रात को ट्विटर पर पुलिस से मदद मांगी। इस पर डायल 112 ने कंप्लेन रजिस्टर कर मौके पर पुलिस को भेजा। लेकिन, हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने बेड न होने की बात कहकर रात के समय भी पेशेंट को एडमिट नहीं किया। पुलिस ने परिजनों को हॉस्पिटल के खिलाफ कंप्लेन दर्ज कराने के लिए कहा। लेकिन परिजनों ने इलाज को प्राथमिकता देते हुए पेशेंट को घर लेकर गए। काफी प्रयास के 24 घंटे बाद पेशेंट को किसी कोविड हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल सका है।
2 दिनों से ढूंढ रहे हैं बेड
63 वर्षीय किदवई नगर निवासी कांति त्रिपाठी कोविड पॉजिटिव हैं। उनके परिजन बीते 2 दिनों से हॉस्पिटल में कोविड बेड के लिए परेशान है। घर पर ऑक्सीजन दे रहे हैं, बावजूद इसके ऑक्सीजन लेवल लगातार नीचे गिर रहा है। कई प्राइवेट हॉस्पिटल से लेकर कोविड कंट्रोल रूम तक में गुहार लगा चुके हैं, लेकिन एक भी कोविड हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल पाया है।
हॉस्पिटल मांग रहे रेफरल लेटर
काकादेव निवासी सचिन गुप्ता की पिता संतोष लाल गुप्ता को कोविड होने से सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही है। कोविड कंट्रोल रूम से लेकर शहर के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में संपर्क किया, लेकिन बेड नहीं मिला। पनकी स्थित मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए रेफरल लेटर मांगा गया है। अब रेफरल लेटर बनवाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं।