-बारिश में शहर की बिगड़ी सूरत के लिए महापौर ने जल निगम अफसरों की नाकामी का बताया जिम्मेदार

- नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 3 को हटाया जाएगा, कहा 'कामचोरों को दफन कर दूंगी'

- मानसून की दस्तक के बाद भी 282 छोटे नाले और 48 बड़े नालों की अब तक नहीं हुई सफाई,

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KANPUR : सैलरी लेंगे मोटी-मोटी, लेकिन काम कुछ नहीं करेंगे। इन्हें शर्म भी नहीं आती है। मीटिंग में एक-दूसरे पर आरोप लगाने से भी नहीं चूकते हैं। वेडनसडे को नगर निगम में महापौर की मीटिंग के दौरान यह सब सुनने और देखने को मिला। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शहर में ट्यूजडे को बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। महापौर ने जल निगम के 3 अधिशाषी अभियंताओं को जलभराव का दोषी माना और उनको हटाने के लिए शासन को लेटर लिखा। गुस्साई महापौर ने कहा कि शहर में उन अधिकारियों को दफन कर दूंगी, जो काम नहीं करना चाहते हैं।

एक-दूसरे पर डालते रहे जिम्मेदारी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जलमग्न हुए खलासी लाइन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। टैप हुए सीसामऊ नाले का चैनल समय से खुल जाता तो कई इलाकों में पानी नहीं भरता। इस मामले को महापौर ने मीटिंग में पूछा तो जलकल जीएम ने कहा कि जल निगम को 4 बजे कह दिया था। जल निगम ने कहा कि 4.30 बजे चैनल खोल दिया गया था। लेकिन चैनल खोलने वाला ठेकेदार सतीश सचान ही लापता था। ऐसे में देर रात तक चैनल को खोला जा सका, तब जाकर पानी कम हुआ।

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पार्षद को भी किया इग्नोर

पार्षद हरीशंकर गुप्ता ने इलाके में पानी भरने की शिकायत जल निगम प्रोजेक्ट मैनेजर घनश्याम द्विवेदी से की, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि वह नहीं देखते। जिसकी जानकारी पर महापौर बिफर गई।

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नमामि गंगे बनी गले की हड्डी

महापौर प्रमिला पांडेय ने शहर में जलभराव के लिए नमामि गंगे को भी दोषी माना। उन्होंने कहा कि नाला सफाई के दौरान बीच-बीच में बोरी लगाकर नाले बंद किए गए, लेकिन खोले नहीं गए।

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सिल्ट गंगा में गई

परमट नाले की सफाई के बाद सिल्ट सड़क पर ही छोड़ दी गई। बारिश में पूरी सिल्ट नाले में गिरकर गंगा में चली गई। इस पर दोबारा नाला सफाई के लिए कहा गया।

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तुरंत राहत के लिए करें कॉल

महापौर प्रमिला पांडेय ने अपने अंडर में सफाई कर्मियों की 10 टीमें तैयार की हैं। जो जलभराव, नाला सफाई के लिए काम करेंगी। तुरंत राहत के लिए महापौर को लोग 8601801010 नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

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इन पर गिरी गाज

1. घनश्याम द्विवेदी, प्रोजेक्ट मैनेजर, जल निगम।

2. पुनीत ओझा, अधिशाषी अभियंता, नगर निगम, जोन-4

3. रमेश चंद्र श्रीवास्तव, अधिशाषी अभियंता, नगर निगम, जोन-1

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नहीं साफ हुए छोटे नाले

जोन कुल नाले साफ नाले बचे नाले

1 32 28 4

2 263 133 95

3 182 150 32

4 25 24 1

5 350 290 50

6 253 126 111

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बड़े नालों की सफाई भी अधूरी

जोन कुल नाले साफ नाले बचे नाले

1 23 19 4

2 58 41 17

3 58 55 3

4 19 17 2

5 64 52 12

6 53 43 10

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डीएम ने बनाई 27 अधिकारियों की कमेटी

शहर के जलभराव के लिए डीएम विजय विश्वास पंत ने सीधे तौर पर नगर निगम को दोषी ठहराया है। कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में अधिकारियों को 2 टूक कहा कि जलभराव क्यों हुआ और इसके कारणों की डिटेल रिपोर्ट 29 जून तक मिल जाए। वहीं 27 अधिकारियों की टीम गठित कर 275 बड़े नालों की सफाई की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के दौरान नाला सफाई की फोटो और वीडियो भी देखा जाएगा। वहीं नगर निगम जोन-1 एचसीएन रमेश चन्द्र श्रीवास्तव के क्षेत्र में नाला सफाई न होने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।