शर्तें पढ़े बिना किसी भी एप को न दें परमिशन
नई दिल्ली (प्रेट्र)। नेटवर्क इंटेलीजेंस के ग्लोबल बिजनेस हेड अल्ताफ ने पीटीआई से कहा कि यूजर्स को अपने स्मार्टफोन पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोग पर सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साथ उन्हें किसी भी थर्ड पार्टी एप को मोबाइल पर परमिशन देते समय भी अलर्ट रहना चाहिए। उदाहरण के लिए उन्होंने बताया कि कई गेम एप यूजर्स से उनके कांटेक्ट लिस्ट या टेक्स्ट मैसेज पढ़ने के लिए मिशन मांगते हैं। जबकि गेम चलाने के लिए यूजर्स की कांटेक्ट लिस्ट से क्या मतलब? लेकिन यूजर्स इसके बारे में ज्यादा सोचते नहीं और गेम खेलने के चक्कर में उसे परमिशन दे देते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी आदत आपके लिए परेशानी बन सकती है।
थर्ड पार्टी एप के लिए भारत एक बेहतरीन बाजार
साउथ एशिया कैस्परस्काई लैब में जनरल मैनेजर श्रेणिक भयानी ने कहा कि ऐसे समय में जब हम डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं, इस के आघात को बर्दाश्त नहीं कर सकते। इंडस्ट्री से जुड़े जानकार मानते हैं कि फेसबुक जैसा मामला न तो पहला है और न ही आखिरी। एक अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि साइबर वर्ल्ड में डाटा चोरी पहले से होते रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे। जरूरी यह है कि सरकार और प्राइवेट संस्थान नागरिकों के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए पुख्ता कदम उठाए। पी फ्रोस्ट एंड सुल्लीवन इंडस्ट्री एनालिस्ट डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन (आईसीटी) राजर्षि धर ने कहा कि भारत में काफी बड़ी संख्या में यूजर्स हैं। भारत थर्ड पार्टी एप डेवलेपर्स और डाटा हार्वेस्टर्स के लिए बेहतरीन बाजार है।
न्यूनतम व्यक्तिगत जानकारी दें यूजर प्रोफाइल में
राजर्षि धर ने कहा कि किसी भी अकाउंट के यूजर प्रोफाइल में जितना हो सके कम से कम व्यक्तिगत जानकारी दें। ज्यादा हिट, लाइक और शेयर के चक्कर में यूजर्स को अपना व्यक्तिगत डाटा देने देकर रिस्क लेने की भूल कभी नहीं करनी चाहिए। एक सिक्योरिटी एग्जीक्यूटिव ने कह कि बड़ी कंपनियों में जबरदस्त सुरक्षा के उपाय किए जाते हैं। उन्हें किसी भी शिकायत पर रिस्क असेसमेंट की जरूरत होनी चाहिए।
5 करोड़ फेसबुक यूजर के डाटा चोरी से बवाल
2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में हवा बनाने के लिए उनका प्रचार अभियान मैनेज कर रहे कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 5 करोड़ यूजरों का डाटा उनकी जानकारी के बिना चुराकर इस्तेमाल किया था। जब से यह मामला सामने आया है तभी से पूरी दुनिया में बवाल मचा हुआ है। फेसबुक यूजर अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को लेकर डरे हुए हैं। पूरी दुनिया में ट्वीटर पर हैशटैग डिलीट फेसबुक ट्रेंड करने लगा। ऐसे में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को माफी मांगनी पड़ी। डाटा लीक पर उन्होंने अपनी गलती मानी और यूजर्स को भरोसा दिलाया कि व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा के लिए वे उचित कदम उठाएंगे।
साइबर समस्या बताने वालों को सरकार दे ईनाम
उन्होंने कहा कि देश में साइबर कानून को सख्त बनाने के साथ-साथ भारत सरकार को एक 'पब्लिक बग बाउंटी प्रोग्राम' भी चलाना चाहिए और इसके तहत साइबर समस्या को पकड़ने वाले लोगों को सरकार ईनाम दे। उन्होंने कहा कि तभी सही मायने में सरकार देश को डिजिटल बना पाएगी। फेसबुक डाटा लीक मामला हम सभी के लिए एक सबक है, जो साइबर सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। जब तक हम धोखा नहीं खाएंगे तब तक हम यह नहीं समझ सकते कि साइबर वर्ल्ड में किस प्रकार का थ्रेट हमें कितना नुकसान पहुंचा सकता है। जब फेसबुक जैसी एक दिग्गज कंपनी डाटा चोरी नहीं रोक पाई तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि साइबर क्रिमनल से लोगों के व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग रोकना कितना मुश्किल है।
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