कानपुर (ब्यूरो)। अगर सीएसजेएमयू से स्टडी या कोई अन्य सर्विस चाहते हैैं तो आपको अलर्ट रहने की आवश्यकता है। यदि आप ऑफीशियल वेबसाइट पर न जाकर किसी मिलते जुलते नाम की वेबसाइट से सर्विस लेंगे तो आपके साथ फ्रॉड हो सकता है। आपको फाइनेंशियल के साथ साथ एजूकेशनल नुकसान भी हो सकता है। इसलिए आपको सीएसजेएमयू की ऑफीशियल वेबसाइट का ही यूज करना है। सीएसजेएमयू ने अपनी अधिकृत वेबसाइट पर फेक वेबसाइट अलर्ट नाम से एक नोटिकिफेशन भी जारी किया है। ऐसे में आपको अलर्ट रहने की जरूरत है।
ऐसे होता है फ्रॉड
सीएसजेएमयू ने एडमिशन से लेकर डिग्री निकालने तक की प्रक्रिया में कई स्टेप को ऑनलाइन कर दिया गया है। यह ऑनलाइन फैसिलिटी स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए दी गई है, जिससे स्टूडेेंट्स को कैंपस के चक्कर न काटने पड़ें। कई सर्विसेज में फीस भी ली जाती है। इस टाइम एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराते समय आपको फीस अदा करनी होगी। गलत वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने से आपका पेमेंट तो गलत खाते में जाएगा ही। साथ ही सीएसजेएमयू या एफिलिएटेड कॉलेज में एडमिशन से भी हाथ धोना पड़ेगा।
बर्बाद हो सकता है साल
अगर आपको समय रहते पता न चला तो आपका साल भी बर्बाद हो सकता है। इसके अलावा सीएसजेएमयू में मार्कशीट करेक्शन, वेरिफिकेशन, प्रोविजनल, माइग्रेशन और डिग्री लेने के लिए आनलाइन आवेदन करना होता है। सभी सुविधाओं के लिए एक तय फीस अदा करनी होती है। यदि आपने गलत वेबसाइट में किसी भी सर्विस के लिए आवेदन किया है तो पेमेंट तो जाएगी साथ साथ डाक्यूमेंट भी नहीं मिलेगा।
डाटा भी बेच रहे फ्रॉडियस
फेक वेबसाइट स्टूडेंट का पेमेंट हड़पने के साथ साथ उनका डाटा भी बेच रही हैैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपने सीएसजेेएमयू में एडमिशन के लिए अनजाने में फेक वेबसाइट से आवेदन कर दिया तो आपको सीएसजेएमयू में तो एडमिशन मिलेगा नहीं। ऐसी स्थिति मेें यह वेबसाइट संचालक एजूकेशनल कंसल्टेंसी या छोटे प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स को डाटा बेच देते हैैं। डाटा बिकते ही कैंडीडेट के पास एडमिशन की कॉल्स और लुभावने आफर आने लगते हैैं। किसी स्टूडेंट के एडमिशन लेने पर एजेंट का कमीशन तय होता है।
ऐसे बनाते हैैं फेक वेबसाइट
सीएसजेएमयू की ओर से जारी नोटिफिकेशन में चाप फेक वेबसाइट्स के नाम भी डाले गए हैैं। लेकिन सिर्फ चार ही नहीं बल्कि कई अलग अलग वेबसाइट यूनिवर्सिटी के मिलते जुलते नामों से चल रही हैैं। इनको बनाने के लिए मिलते जुलते नाम का डोमेन खरीदना होता है उसके बाद होस्टिंग लेकर बेवसाइट डेवलपर इस काम को अंजाम देते हैैं। वेबसाइट में एक पेमेंट गेटवे भी लगाया जाता है, जिससे आप सर्विस लेने के लिए पेमेंट करते हैैं। साइबर ठग ज्यादा लंबे समय तक एक ही पेमेंट गेटवे को एक्टिव नहीं रखते हैैं समय समय पर डोमेन नेम और पेमेंट गेटवे को बदला जाता रहता है।
यूनिवर्सिटी की एक ही आफिशियल वेबसाइट है। एडमिशन से लेकर डिग्री तक कोई भी फैसिलिटी का बेनीफिट चाहिए तो ऑफीशियल वेबसाइट से ही लें। आफिशियल वेबसाइट पर फेक वेबसाइट अलर्ट नाम से नोटिफिकेशन भी अपलोड कराया गया है।
डॉ। विशाल शर्मा, मीडिया प्रभारी, सीएसजेएमयू