कानपुर (ब्यूरो) नामी कंपनियों के प्रोडक्ट्स पर ऑकर्षक लेकिन फर्जी आफर के विज्ञापन सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रचलित होते हैं। जिनके झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। कई बार ठगी के शिकार हुए लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर दी गई रकम रिफंड के नाम पर दोहरा नुकसान उठाते हैं। साइबर ठग भी रकम रिफंड करने का झांसा देकर उन्हें ङ्क्षलक भेजते हैं। जिसे अपलोड करते ही मोबाइल या सिस्टम का रिमोट एक्सिस साइबर ठगों के पास आ जाता है। जिसके बाद वह डाटा चोरी करने के साथ ही खाते से रकम भी साफ कर देते हैं।
स्वाइप मशीन लेकर चल रहे
साइबर एक्सपट्र्स की सलाह है कि अपना क्रेडिट कार्ड कभी ब्लूटूथ मोड पर न रखें। न ही इसे एक्टिव करें। क्योंकि आप तो इसे अपनी सुविधा के लिए शुरू करेंगे लेकिन शातिर अपने साथ स्वाइप मशीन लेकर चल रहे हैैं। आपको पता भी नहीं चल पाएगा कि आपके खाते से 4200 से 5000 रुपये कब निकल जाएंगे। एक्सपर्ट की मानें तो 12 से अधिक रिमोट एप का इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं। जिसमें सबसे प्रचलित एनीडेस्क एप है, लेकिन हाल में दिल्ली और राजस्थान की कुछ ठगी की घटनाओं में एक सोवा एप का इस्तेमाल होना सामने आया है। सोवा एप भी रिमोट एक्सिस देने वाला एप है। नए एप का इस्तेमाल होने को लेकर साइबर सेल से अलर्ट जारी हुआ है।
ऐसे करते हैं ठगी
आशीष कुमार ने ऑनलाइन कुछ कपड़ों की खरीदारी की थी। किन्हीं कारणों से उन्हें एक जोड़ी कपड़े लौटाने थे। जिसके लिए उन्होंने ई-कामर्स कंपनी के प्रतिनिधि से बात करने के लिए गूगल से नंबर निकाला और कॉल लगा दी। गूगल पर पहले ही साइबर ठग विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम से अपने नंबर फीड करके रखते हैं। बात करने वाले ने रकम रिफंड करने के लिए एक ङ्क्षलक भेजा। जिसे अपलोड करते ही रिमोट एप मोबाइल या सिस्टम पर एक्टिव हो गया। जिसके बाद वन टाइम पासवर्ड की तरह ही एक कोड आया। जिसे पूछने के बाद आशीष का मोबाइल या सिस्टम हैंग हो गया। ठग ने इसका फायदा उठाते हुए खाते से रकम पेटीएम और दूसरे खातों में ट्रांसफर कर ली।
यह बरतें सावधानियां
- मोबाइल पर इंटरनेट बैंङ्क्षकग, ई-वालेट आदि का इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतें।
- ट्रांजक्शन से पहले जिसे रकम भेजनी है उसके मोबाइल या खाता नंबर की जांच कर लें।
- गूगल से नंबर सर्च कर ई-कामर्स कंपनी, डाक्टर या कस्टमर केयर पर संपर्क करने से बचे।
- त्योहारी मौसम में लुभावने आफर्स के चक्कर में न पड़ें, अंजान ङ्क्षलक पर क्लिक न करें
- विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अंजान लोगों के दोस्ती के प्रस्ताव को स्वीकार न करें।
- बैंक खाता संबंधी, एटीएम, डेबिट कार्ड संबंधी जानकारी किसी से भी साझा न करें।
साइबर ठगों ने अब नए रिमोट एप सोवा के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया है। दिल्ली और राजस्थान की कई घटनाओं में इस एप का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। इसे लेकर साइबर अपराध एडवाइजरी से अलर्ट जारी किया गया है।
- अनिल कुमार सचान, साइबर क्राइम क्षेत्राधिकारी