कानपुर (ब्यूरो)। सरकार करप्शन खत्म होने के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। फ्राइडे को कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। सीएसए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बाबू को 6 हजार रुपए घूस लेते हुए एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। क्लर्क ने पेंशन बनाने के नाम पर 12 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके लिए वो पीडि़त को सात महीने से चक्कर लगवा रहा था। परेशान होकर पीडि़त ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। जिसके बाद टीम ने जाल बिछाकर बाबू को पकड़ लिया। बताते चलें अभी हाल ही में जीएसटी का इंस्पेक्टर भी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुआ था। ऐसे में साफ है कि शहर में अभी भी खूब करप्शन का खेल हो रहा है।
6-6 हजार दे देना
पुराना कानपुर कोहना निवासी सुरेंद्र सिंह कटियार सीएसए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में हलवाहा के पद पर काम करते थे। 9 अगस्त 202& को सुरेंद्र का निधन हो गया। उनकी पत्नी रजनी देवी और बेटा अमित पेंशन बनवाने के लिए सीएसए पहुंचे तो सहायक वरिष्ठ लिपिक शंकर बक्श सिंह ने पेंशन बनाने के लिए 12 हजार रुपए रिश्वत मांगी। अमित ने बताया कि उन्होंने क्लर्क को बताया कि घर की माली हालत बहुत खराब है। वह फतेहपुर के एक व्यापारी के यहां कार ड्राइवर है। उसे सिर्फ 12 हजार रुपये सैलरी मिलती है, जिस पर बाबू ने कहा कि &ययादा परेशानी है तो 6-6 हजार रुपए दो बार में दे देना। अमित ने बाबू से बहुत मिन्न्तें की, लेकिन बाबू ने बिना रिश्वत के पेंशन बनाने से इनकार कर दिया।
2 मार्च को की थी शिकायत
2 मार्च को गाड़ी चलाते समय अमित ने रिश्वत मांगने की बात अपने मालिक को बताई। इसके बाद उसके मालिक ने गूगल से नंबर लेकर एंटी करप्शन में शिकायत की। जिसके बाद एंटी करप्शन ट्रैप टीम के इंस्पेक्टर मृत्युंजय मिश्र ने अमित से संपर्क किया। टीम ने इविडेंस कलेक्ट किए, जिलाधिकारी कानपुर नगर के ऑफिस से एक गवाह लिया और जाल बिछाना शुरू किया। फ्राइडे को एंंटी करप्शन ने जाल बिछाकर शंकर बख्श सिंह को 6 हजार घूस देते दबोच लिया। इसके बाद फजलगंज थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई। अब शंकर बख्श को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
दे देता तो घर कैसे चलता
अमित ने बताया कि उसके पिता शराब के लती थे। उनकी दोनों किडनी खराब थीं, लगातार उसने लाखों रुपये पिता के इलाज में खर्च कर दिए थे। इसके बाद भी पिता को बचा नहीं पाया। पिता के इलाज के लिए कर्ज भी ले लिया था। उन्होंने बताया कि 12 हजार रुपये मुझे महीने में मिलते थे। अगर दे देता तो कैसे घर का खर्च चलता। कई लोगों ने शंकर बख्श सिंह से सिफारिश भी की लेकिन उसने पेंशन नहीं बनाई। जब एंटी करप्शन से शिकायत की तो कार्रवाई की गई। अब संभावना है कि जो नया बाबू पद पर आएगा, वह पेंशन बना देगा।
ये टीम रही ट्रैप में शामिल
इंस्पेक्टर अर्चना शुक्ला, इंस्पेक्टर मृत्युंजय मिश्र, चतुर सिंह, मुख्य आरक्षी महेश कुमार, शिवम, अभिषेक, सब इंस्पेक्टर नंदेश्वर द्विवेदी, प्रशांत कुमार, सुरजीत।
कोई मांगे रिश्वत तो यहां करें कंप्लेन
अगर आपसे भी कोई रिश्वत मांग रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको एंटी करप्शन कंट्रोल रूम के मोबाइल नंबर 9454402484 या कानपुर टीम के मोबाइल नंबर 9454401987 पर कॉल कर कंप्लेन करनी होगी। जिसके बाद टीम आपसे खुद ही कांटेक्ट करेगी। बता दें, सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखा जाता है।