- कानपुराइट्स ने फिर दिखाया 'हम साथ-साथ है'

-सुबह 10.30 बजे फैसला सुनने के लिए हर कोई टीवी पर डटा रहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हर वर्ग ने किया सम्मान

-हाईकोर्ट के फैसले के दौरान भी कानपुर ने साबित की थी एकता की मिशाल, चाय की चुस्कियों पर एक-दूसरे का स्वागत

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KANPUR : अयोध्या विवाद का फैसला आने के बाद गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल एक बार फिर कानपुर ने पेश की। माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सौहार्द भरा रहा। हर किसी ने इस फैसले का सम्मान किया और एक-दूसरे को गले भी लगाया। रामबाग की गली के नुक्कड़ में चाय की चुस्कियों के साथ दोनों समुदायों के लोगों ने फैसले पर चर्चा करते हुए कहाकि हम सब एक हैं।

फिर याद आया फैसला

वहीं पुलिस और प्रशासन भी दोनों समुदायों के लोगों से संपर्क बनाए रखा। डीएम विजय विश्वास पंत, एडीजी प्रेमप्रकाश, एसएसपी अनंत देव सहित पूरा अमला सड़क पर गश्त करता रहा। इससे पहले 30 सितंबर 2010 को राम मंदिर पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया गया था। उस वक्त भी सड़कों पर सन्नाटा पसर गया था। उस फैसले का भी कानपुर के लोगों ने सम्मान किया था, इस फैसले को भी लोगों ने खुशी से स्वीकार किया।

फैसला आने के बाद बढ़ी सतर्कता

मॉर्निग 11 बजकर 20 मिनट पर फैसला आने के बाद कानपुर में सतर्कता और बढ़ गई। प्रमुख चौराहों पर आरएएफ, पीएसी से लेकर स्थानीय फोर्स अपनी नजर बनाए रखी। सिविल डिफेंस, एस10 और इलाके के संभ्रांत लोगों के साथ पुलिस फोर्स समन्वय कर स्थितियों पर नजर रखे रही। इसके अलावा सोशल मीडिया पर खासतौर पर निगाह रखी गई।

रोड पर छाया रहा सन्नाटा

अयोध्या पर फैसला आने के बाद सड़कों पर सन्नाटा देखा गया। आम दिनों में इतना सन्नाटा संडे या फिर किसी बड़े पर्व की छुट्टी पर ही देखा जाता है। हालांकि, सेकेंड सैटरडे की वजह से सभी ऑफिस बंद थे। वहीं स्कूल और कॉलेजों को पहले ही बंद करने आदेश दे दिए गए थे। सुबह से लेकर दोपहर में जिस समय पीक आवर्स होते हैं, उस समय भी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग घरों में बैठकर टीवी पर पूरे घटनाक्त्रम पर नजर रखे रहें।

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