- सेंसरयुक्त टेस्टिंग ट्रैक शुरू होने के बाद डेढ़ महीने में सिर्फ 500 आवेदकों ने दिया ड्राइविंग टेस्ट
- इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स पर तैयार किए गए इस ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट पास करना है बेहद मुश्किल
KANPUR। पनकी स्थित न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में बनाया गया ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग टै्रक कानपुराइट्स के साथ आरटीओ अधिकारियों को भी रास नहीं आ रहा है। सोर्सेज की मानें तो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स पर तैयार किए गए इस सेंसरयुक्त इस ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट पास करना बेहद मुश्किल है। शायद यही वजह है इस ट्रैक के शुरू होने के डेढ़ महीने में करीब 500 लोगों ने ही परमानेंट डीएल के लिए टेस्ट दिया है। जबकि पहले एक दिन में करीब 200 परमानेंट डीएल बनते थे। ऐसा नहीं है कि कानपुराइट्स डीएल के लिए अप्लाई नहीं कर रहे हैं। बड़ी बात तो यह है कि अप्लाई करने के बावजूद अप्लीकेंट ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देने नहीं आ रहे हैं।
6 करोड़ से तैयार हुआ है ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
500 लोगों ने सिर्फ टेस्ट दिया है डेढ़ महीने के अंदर
40 परसेंट आवेदक की पास कर पाते हैं ड्राइविंग टेस्ट
200 के करीब लोग एक दिन में टेस्ट दिया करते थे पहले
पास से ज्यादा हाे रहे फेल
आरटीओ सोर्सेस के मुताबिक लगभग 6 करोड़ रुपए खर्च कर पनकी में टू व फोर व्हीलर ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक तैयार किया गया है। जो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स पर तैयार किया गया है। ट्रैक सेंसर युक्त है। जिसमें डीएल अप्लीकेंट को फ्रंट ड्राइव में 8 बनाना होता है। वहीं रिवर्स पार्किंग में एच बना कर दिखाना होता है। सोर्सेस की माने तो रिवर्स पार्किंग में एच बनाकर दिखाना बहुत टफ है। यह प्रणाली आर्मी व इंटरनेशनल ड्राइविंग में यूज होती है। यहीं कारण है कि ट्रैक में फेल होने वालों की संख्या पास होने वालों से कहीं ज्यादा है। हालांकि कोई अधिकारी खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
महिलाओं को फ्री ट्रेनिंग
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह व महिला सशक्तिकरण अभियान के चलते संडे को पनकी स्थित ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक में महिलाओं को फ्री प्रशिक्षण दिया जाएगा। आरटीओ ने यह फैसला ऑटोमैटिंग टेस्टिंग ट्रैक को लेकर परमानेंट डीएल अप्लीकेंट के दिल में होने वाले भय व हिचक को खत्म करने के लिए लिया है। संडे को सिटी की कोई भी महिला एक दिन की इस ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकती है।