-गाजियाबाद से कानपुर सरसौल स्टेशन तक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का काम पूरा, एक किमी के डिफरेंस पर फुल स्पीड में दौड़ रही ट्रेनें
-आगे जा रही ट्रेन के स्टेशन क्रॉस करने का नहीं करना पड़ेगा इतंजार, गाडि़यों के टकराने या डिरेल होने की आशंका भी लगभग खत्म
KANPUR। गाजियाबाद से कानपुर सरसौल स्टेशन तक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का वर्क पूरा हो चुका है। अब इस ट्रैक पर ट्रेनें एक किमी के डिफरेंस पर एक के पीछे एक अपनी अधिकतम स्पीड में दौड़ सकती हैं। गाडि़यों के टकराने और एक्सीडेंट की आशंका लगभग खत्म हो गई है। ट्रेनों के बीच डिफरेंस एक किलोमीटर से कम होते ही ऑटोमैटिक सिग्नल रेड हो जाएगा और ट्रेन वहीं का वहीं खड़ी हो जाएगी। जबकि मैनुअल सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशन के बीच एक ही गाड़ी को चलाया जाता है। ट्रेन के अगला स्टेशन क्रॉस करने के बाद पीछे वाली ट्रेन को ग्रीन सिग्नल देकर आगे बढ़ाया जाता है।
169 किमी पर बचा काम
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक गाजियाबाद से पं.दीनदयाल स्टेशन तक लगभग 830 किमी रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नलिंग से लैस करने का प्रोजेक्ट है। जिसमें 661 किमी रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नलिंग से कनेक्ट कर ट्रेनें दौड़ाई जा रही हैं। पं.दीनदयाल से इलाहाबाद तक व गाजियाबाद से सरसौल तक प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। अभी सरसौल से बमरौली स्टेशन तक लगभग 169 किमी के रेलवे ट्रैक में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का वर्क होना बाकी है। जोकि इस वर्ष के खत्म होते-होते पूरा हो जाएगा।
सरसौल, रूमा में नहीं खड़ी होंगी ट्रेनें
इलाहाबाद की ओर से कानपुर आने वाली ट्रेनें पहले सरसौल व रूमा में सिग्नल प्रॉब्लम की वजह से खड़ी की जाती थीं। सरसौल तक ऑटोमैटिक सिग्नल होने से अब इन ट्रेनों को वहां नहीं रोका जाएगा। क्योंकि ऑटोमैटिक सिग्नल के माध्यम से ट्रेनों को एक किमी के अंतराल में एक के पीछे एक फुल स्पीड में चलाया जा सकता है। ऑटोमैटिक सिग्नल न होने पर दो स्टेशन के बीच सिर्फ एक ट्रेन को ही चलाया जाता है। दूसरा स्टेशन ट्रेन के पास करने के बाद ही पीछे चल रही दूसरी ट्रेन को आगे की ओर रवाना किया जाता है। जिससे गाडि़यों के टकराने की आशंका न रहे।
कम समय में पूरा होगा सफर
एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि गाजियाबाद से कानपुर तक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग होने से कानपुर से दिल्ली की जर्नी 4 घंटे में कर दी गई है। वैसे की कानपुर से इलाहाबाद ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नल कर के जर्नी का टाइम डेढ़ से दो घंटे का करने का प्रोजेक्ट है।
ब्लॉक लेकर किया जा रहा वर्क
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक कानपुर-इलाहाबाद रूट को ऑटोमैटिक सिग्नलिंग करने के लिए लगातार वर्क चल रहा है। सिग्नलिंग डिपार्टमेंट डेली ट्रेनों के संचालन को देखते हुए ब्लॉक लेकर ऑटोमैटिक सिग्नल का काम कर रही है। चार से पांच महीने के अंदर सरसौल से बमरौली तक रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नलिंग से जोड़ देने की संभावना जताई जा रही है।
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आंकड़े
436 ट्रेनों का डेली आवागमन इस नई दिल्ली इलाहाबाद रूट पर
20 लाख से अधिक पैसेंजर्स इन ट्रेनों में डेली करते हैं सफर
830 किमी रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नल से जोड़ने का प्रोजक्ट
661 किमी रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नल से जोड़ा जा चुका
169 किमी रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नल से जोड़ना बाकी है
कोट
गाजियाबाद से पं.दीनदयाल स्टेशन तक रेलवे ट्रैक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग से कनेक्ट होने से पैसेंजर ट्रेनें अधिकतम स्पीड में दौड़ सकेंगी। इससे लाखों पैसेंजर्स को काफी रिलीफ मिलेगी। जर्नी में कम समय लगेगा।
अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर
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