कानपुर(ब्यूरो)। शहर में हुए बवाल को लेकर जिस तरह की आशंकाए लगाई जा रही थीं, वो सच साबित हुई हैं। एटीएस ने शासन को अपनी पहली रिपोर्ट भेज दी है। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बवाल की प्लानिंग काफी पहले से हो रही थी। वहीं पीएफआई से इस उपद्रव के मास्टरमाइंड को फंडिंग की जा रही थी। इस फंडिंग से जुड़े हुए लोगों को साधन मुहैया कराने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कहा गया था। वहीं यह भी सामने आया है कि पथराव के दौरान तीन हजार के करीब लोग मौजूद थे। वहीं नमाज के बाद भीड़ को कोई एक आदमी कंट्रोल कर रहा था।
वाट्सएप कॉल का डिटेल
मास्टरमाइंड और उसके परिवार के आठ मोबाइल की सीडीआर निकाली गई है। जिससे स्पष्ट है कि कानपुर के बाहर से भी कई बार कॉल की गई थी। लोगों से लंबी बात की गई। वाट्एप कॉल्स और वीडियो कॉलिंग का रिकॉर्ड एटीएस ने मांगा है। जांच से पता चल जाएगा कि उपद्रव में मास्टरमाइंड के साथ कौन-कौन लोग प्रत्यक्ष ओर अप्रत्यक्ष रूप से इनवॉल्व थे।
टीम जुटा रही है इविडेेंस
एटीएस सूत्रों की माने तो एडीजी एटीएस के आदेश के बाद से एटीएस इंटेलीजेंस विंग की चार लोगों की टीम इविडेंस कलेक्ट कर रही है। इस विंग के सहयोग के लिए सर्विलांस और साइबर टीम के साथ फॉरेंसिक स्पेशलिस्ट भी लगाए गए हैैं। टीम ने इविडेंस के तौर पर कुछ प्रपत्र इकट्ठा किए हैैं जो राइटिंग मिलान के लिए भेजे गए हैैं। मास्टरमाइंड जफर की राइटिंग का सैैम्पल भी लिया गया है। मास्टरमाइंड के कानपुर के बाहर के कुछ कनेक्शन भी सामने आए हैैं। एटीएस सूत्रों की माने तो मास्टरमाइंड के संपर्क में कई ऐसे लोग थे जिनको वह रुपये भी भेजता था और कई बार कानपुर और लखनऊ जेल में मिलाई करने भी जाता था।
जल्द होंगे बड़े खुलासे
एसटीएफ की लोकल यूनिट और पुराने पुलिस कर्मियों की मदद लेकर ये जानकारी की जा रही है कि पूरे उपद्रव के मास्टरमाइंड के संपर्क में कौन से हार्ड कोर क्रिमिनल थे। अधिकारियों की मानें तो जल्दी ही बड़ी वारदात का खुलासा एटीएस करेगी।