कानुपर(ब्यूरो)। लगातार होती साइबर वारदातों पर लगाम लगाने और कस्टमर्स के बैंकों पर घटता भरोसे को कायम रखने के लिए बैंक प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। खासकर एटीएम बूथ्स पर होने वाली वारदातों को रोकने की योजना पहले चरण में बनाई गई है। जिसके मुताबिक अब शहर के एटीएम सिर्फ 12 घंटे ही खुलेंगे। सभी एटीएम को दो शिफ्ट में डिवाइड कर दिया गया है। 50 फीसद एटीएम बूथ पहले 12 घंटे खुलेंगे और दूसरे 50 फीसद एटीएम बूथ अगले 12 घंटे खुलेंगे। इन पर सुरक्षा गार्ड भी तैनात होगा, जिसे एटीएम ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। गार्ड रखने की जिम्मेदारी बैैंक प्रबंधन को दी गई है।
आपकी रकम रहेगी सेफ
बीते तीन महीने में 22 लाख का नुकसान होने के बाद बैैंक प्रबंधन को बड़ा झटका लगा है। उस पर हाईकोर्ट का आदेश जिसमें साइबर ठगी के लिए बैैंक को भी जिम्मेदार बनाए जाने को कहा गया है। इससे बैैंक प्रबंधन बैकफुट पर है। ग्राहकों की रकम बैैंकों में कैसे सेफ रहे, इसे लेकर गंभीरता से विचार किया गया। चर्चा में पुलिस अधिकारियों को भी शामिल किया गया। सामने आया कि बीते दिनों एटीएम बूथों से होने वाला साइबर क्राइम बढ़ा है। जिसके बाद एटीएम को लेकर एसओपी जारी की गई है।
हर बूथ पर सिक्योरिटी गार्ड
एटीएम बूथ में फेस रिकगनाइजिंग डिवाइस लगाई जाएगी और शहर के 50 फीसद बूथ (जिनसे आप रकम निकाल सकेंगे) सिक्योरिटी गार्ड से लैस रहेंगे। बूथ में एक मॉनीटर भी लगा होगा, जो एटीएम खुले होने और बंद होने की जानकारी देगा। फेस रिकगनाइजिंग मशीन केवल सिक्योरिटी गार्ड का फेस पहचानकर दरवाजा खोलेगी। इसके बाद सिक्योरिटी गार्ड कस्टमर को लेकर बूथ में जाएगा और उसकी नगदी निकालने में मदद करेगा। (यदि ग्राहक को कोई परेशानी होगी) अन्यथा गार्ड कस्टमर को बूथ में छोडक़र बाहर आ जाएगा और नजर रखेगा कि कोई अंदर न जाने पाए। 12 घंटे बंद रहने के दौरान मॉनीटर बूथ के बंद होने की जानकारी तो देगा ही, साथ ही यह भी बताएगा कि इस बैैंक का दूसरा एटीएम कितनी दूरी पर लगा है।
बूथ में होते हैैं इस तरह के क्राइम
- बिना सिक्योरिटी गार्ड के बूथों पर होते हैं क्राइम।
- डुप्लीकेट चाबी बनवाकर चोरी कर लेते हैैं बैटरी।
- रिजेक्टेड कार्ड डालकर बंद कर देते हैं मशीन।
- मशीन के चैैंबर को खोलकर खराब कर देते हैैं कैमरा।
- हेल्प के नाम पर नजर चुराकर बदल देते हैैं एटीएम कार्ड।
- कार्ड ट्रे में स्किमर डिवाइस लगा करते पिन कोड की जानकारी।
- कैश ट्रे में चिमटा फंसा निकालते रकम, देते हैैं बैैंक को धोखा।
तीन जगह बजेगा अलार्म
अब तक एटीएम बूथ में अलार्म सिस्टम नहीं था, जिसका फायदा शातिर बहुत आसानी से उठा लेते थे। अब एटीएम बूथ की सिक्योरिटी के लिए अलार्म लगाए जाएंगे। फेस रिकगनाइजिंग डिवाइस या मशीन से छेड़छाड़ करने पर एक साथ तीन जगह अलार्म बजेगा, जिसका शातिरों को पता तक नहीं चलेगा। एक बैैंक के हेडक्वार्टर, दूसरा बैैंक की ब्रांच और तीसरा संबंधित थाने में अलार्म बजेगा, जिसके बाद पुलिस अलर्ट हो जाएगी और शातिरों की धरपकड़ आसान हो जाएगी।
22 लाख का नुकसान
कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि साइबर ठगी के दौरान यदि ग्राहक के रुपये निकले तो इसके लिए बैैंक प्रबंधन जिम्मेदार होगा। बीते तीन महीने में साइबर ठगों ने &नॉट पेमेंट&य कर तमाम बैैंकों की ब्रांच को 22 लाख का नुकसान किया है। ये लाखों रुपये का नुकसान कैश ट्रे में चिमटा फंसाकर किया गया था। हालांकि क्राइम ब्रांच ने गैैंग के कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है।
एक दूसरे पर डालते जिम्मेदारी
अब तक महज 25 फीसद एटीएम बूथों पर ही सुरक्षा गार्ड मौजूद रहता था। कोई वारदात होने पर बैैंक प्रबंधन पुलिस अधिकारियों पर तो पुलिस अधिकारी बैैंक प्रबंधन पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ते थे। एक सीनियर पुिलस अधिकारी के मुताबिक, बूथ के अंदर की जिम्मेदारी बैैंक की होती है, जबकि सडक़ पर होने वाले क्राइम की जिम्मेदारी पुिलस की होती है। अब बैैंक प्रबंधन एटीएम बूथ के अंदर होने वाले क्राइम के लिए भी पुलिस की लापरवाही बताते हैैं। नई एसओपी से राहत मिलेगी।
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बैैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर बढ़ते साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए एसओपी जारी की गई है। जिसमें सभी एटीएम बूथों पर सुरक्षा गार्ड के साथ व्यवस्था हाईटेक होगी। वहीं 12-12 घंटे करके 50-50 फीसदी बूथ खोले जाएंगे।
विजय सिंह मीना, पुलिस कमिश्नर
639 ब्रांच हैं बैंकों की कानपुर में कुल
950 करीब एटीएम बूथों की संख्या
15 से 18 करोड़ प्रति दिन ट्रांजेक्शन
50 फीसद बूथ खुलेंंगे एक बार में
12 घंटे बाद दूसरे 50 फीसदी बूथ खुलेंगे