कानपुर(ब्यूरो)। प्रदेश के दो सबसे बड़े माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी फिर से चर्चा में हैं लेकिन इस बार चर्चा कारण इनकी दबंगई नहीं बल्कि इन पर हो रही कानूनी कार्रवाई है। अतीक के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम को गुरुवार को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। मुख्तार और अतीक के रिश्तेदारों की सुरागरसी इंटेलीजेंस ने शुरू कर दी है। जिन लोगों से इन दो माफियाओं के तार जुड़े हुए हैैं, वे दोनों ही कानपुर के चर्चित पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपी हैैं और जमानत पर चल रहे हैं। अतीक का तो कानपुर से गहरा नाता है। आइए आपको बताते हैं अतीक क्या है कानपुर कनेक्शन?
500 गाडिय़ों का काफिला
2017 में समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद को शहर की कैंट विधान सभा से प्रत्यााशी बनाया था। टिकट फाइनल होने के बाद अतीक लंबे चौड़े काफिले के साथ प्रयागराज से कानपुर आया था। इस दौरान उसके काफिले में करीब 500 गाडिय़ां थीं। रामादेवी चौराहा पर हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। काफिले का स्वागत पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपी पप्पू स्मार्ट ने हरजिंदर नगर चौराहे पर बड़ा मंच लगाकर किया था। वहीं एनकाउंटर में मारा गया असद भी पिता को चुनाव लड़वाने के लिए कानपुर आया था।
यहां ठहरता था असद
असद कानपुर में ग्लोब इंटरनेशनल के मालिक मनिक बरकत उल्ला उर्फ अकबर के फ्लैट में रहता था। पूरी टीम के साथ इसी फ्लैट में असद का अलग कमरा था। इसी दौरान समाजवादी पार्टी में अंदरुनी विवाद हो गया। तत्कालीन सपा मुखिया की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची को काटते हुए अखिलेश यादव की ओर से नई सूची जारी की गई। इस लिस्ट में अतीक का नाम नहीं था। डेढ़ महीने शहर में रहने के दौरान असद के संपर्क यहां कई लोगों से हो गए थे.जिनमें कानपुर से उन्नाव तक कारोबार करने वाले कुछ टेनरी मालिक और भू माफिया थे।
मुख्तार के परिवार में बेटी की शादी
अब यूपी के दूसरे माफिया मुख्तार अंसारी की बात की जाए तो उसका कानपुर में तगड़ा कनेक्शन है। पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपी सऊद अख्तर और महफूज अख्तर के परिवार की बेटी की शादी मुख्तार के परिवार के एक युवक के साथ हुई है। कुछ दिन पहले ही मुख्तार का सगा रिश्तेदार कानपुर जेल से रिहा हुआ है। उसके एक रिश्तेदार यानी महफूज अख्तर को जिलाबदर भी किया गया है। मुख्तार के परिवार वाले अक्सर कानपुर आया करते हैैं।
इंटेलीजेंस कर रही है सुरागकशी
प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या में जब सीसीटीवी फुटेज सामने आई तो असद और गुलाम की तस्वीरें भी सामने आईं। इनकी तलाश में भले ही एसटीएफ को लगाया गया हो लेकिन फरार आरोपियों की तलाश में इंटेलीजेंस हर जगह की तलाश कर रही थी, जहां अतीक और उसके गुर्गे रुके हों। इसी के चलते कानपुर मेें भी सुरागरसी शुरू की गई थी। इतना ही नहीं इसी बीच असद और गुलाम की कानपुर आने की चर्चा पर एसटीएफ की लोकल यूनिट को एक्टिव किया गया था।
एक वर्ग है अतीक के कुनबे का सगा
अतीक जेल में है। उमेश पाल की हत्या के बाद उसके परिवार वालों की तलाश एसटीएफ कर रही है। लोकल पुलिस और इंटेलीजेंस का ये दावा है कि अतीक और उसके कुनबे का एक वर्ग अभी भी सगा है, जो इनके लिए सारी जरूरत की चीजें मुहैया कराता है।