भारतीय बाजार में भी इस खबर पर प्रतिक्रिया सकारात्मक है। हालांकि रिजर्व बैंक की घोषणा को लेकर शेयर बाजार थोड़ा सतर्क है। न्यू डेमोक्रेसी के नेता ने यूरोजोन में बने रहने को लेकर बयान दिया है।
वामपंथी विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के पहले आए बयानों और सरकारी खर्च में कटौतियो को लेकर जनता में उभरे गुस्से को लेकर समझा जा रहा था कि वहां वामपंथी दलों को बढ़त मिलेगी और ग्रीस यूरोजोन से बाहर चला जाएगा।
इससे ये चिंता जताई जा रही थी कि जो धन उसे कर्ज संकट से उबारने के लिए दिया गया था, वो वापस नहीं मिल पाएगा जिसका असर यूरोप के दूसरे देशों पर भी पड़ेगा। लेकिन न्यू डेमोक्रेसी ने कहा है कि यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जो मदद मुहैया करवाई थी, वो उसका समर्थन करता है।
राहत
रविवार को हुए चुनाव के बाद, दूसरे दिन यानी सोमवार को जब एशिया के बाजार खुले तो सूचकांकों में उछाल दर्ज किए गए। जापान का निक्केई और दक्षिणी कोरिया के कोप्सी सूचकांक में 2.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि ऑस्ट्रेलियाई सूचकांक डेढ़ प्रतिशत ऊपर गया।
शेयर बाजार विश्लेषक मायासुकी दोशिदा का कहना था कि हर कोई राहत की सांस ले रहा है और ये भावना दूसरे बाजारों में भी पहुंचेगी। मुद्रा बाजार में, यूरो में डॉलर के मुकाबले एक फीसदी की मजबूती देखी गई और वो एक माह के सबसे ऊंचे के स्तर 1.27 के स्तर पर जा पहुंचा। कच्चे तेल का बाजार ये समझ रहा है कि यूरोजोन में स्थायित्व के बाद मांग में बढ़ोतरी आएगी, जिसके बाद कच्चे तेल के भाव में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछाल देखा जा रहा है।
भारत
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज सूचकांक ने सुबह खुलने के बाद पिछले छह सप्ताह के ऊंचे स्तर को छू लिया। बीएसई में 0.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई और वो 17,068.69 तक पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सेचेंज सुबह की ट्रेडिंग भी बेहतर रही और वो एक समय 5, 167.05 पर था। हालांकि केंद्रीय रिजर्व बैंक की घोषणा को लेकर बाजार थोड़ा सतर्क है।
खबर है कि रिजर्व बैंक आज ब्याज दर में बदलाव को लेकर कुछ घोषणाएं कर सकता है। लेकिन बढ़ी मंहगाई को लेकर अबतक ये साफ नहीं हो पाया है कि इसमें वाकई क्या कोई कमी आएगी।
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