- निर्भीक, निडर, तेर तर्रार के साथ टेक्नोलॉजी के अच्छे जानकार हैं असीम अरुण

-शहर में बढ़ रहे क्राइम ग्राफ को रोकना और महिलाओं को सुरक्षा देना होगी सबसे बड़ी चुनौती

-1994 बैच के आईपीएस हैं असीम, पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण निपटाने की भी है जिम्मेदारी

KANPUR: शासन ने थर्सडे देर रात से कानपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी है। टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट और डॉयल 112 के एडीजी असीम अरुण को कानपुर का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। शुक्रवार देर शाम उन्होंने कानपुर पहुंचकर चार्ज संभाल लिया। वहीं, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात होने वाले चार आईपीएस अधिकारियों के नामों का ऐलान भी फ्राइडे को कर दिया गया। इसके साथ ही कई आईपीएस अधिकारियों का तबादला भी किया गया है।

पिता रह चुके हैं डीजीपी

शहर के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए असीम अरुण मूल रूप से कानपुर मंडल के जनपद कन्नौज के निवासी हैं। असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। तीन अक्टूबर 1970 को इनका जन्म बदायूं में हुआ था। इनके पिता श्री रामअरुण की गिनती भी प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस में होती थी। उन्होंने प्रदेश के डीजीपी का पद भी संभाला था। असीम की मां शशि अरुण जानी-मानी लेखिका हैं।

यूपी पुलिस की रीढ़ माने जाते

असीम अरुण ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीएससी किया। इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी की और सेलेक्ट हुए। क्योंकि पिता भी असीम को अपनी तरह आईपीएस अफसर ही बनते हुए देखना चाहते थे। आईपीएस अफसर बनने के बाद असीम अरुण धीरे-धीरे यूपी पुलिस की रीढ़ बनते गए।

एनकाउंटर के बाद से चर्चा में

यूपी एटीएस के इस जाबांज अफसर को जानकारी मिली थी कानपुर के जाजमऊ केडीए कॉलोनी निवासी आईएसआईएस का आतंकी सैफुल्लाह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में लखनऊ में छिपा हुआ है। तब उन्होंने एटीएस कमांडो के साथ ठाकुरगंज इलाके में आतंकी को घेर कर ढेर किया था।

कई जिलों की कमान संभाली

आईपीएस सेलेक्ट होने के बाद उन्होंने हाथरस,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, आगरा, अलीगढ़ और गोरखपुर में एसपीऔर पुलिस उपमहानिरीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद इन्होंने लखनऊ एटीएस में भी कार्यभार संभाला। फिलहाल अभी तक असीम अरुण यूपी 112 में अपर पुलिस महानिदेशक एडीजी का पदभार संभाले हुए थे।

पूर्व पीएम को दी सुरक्षा

निर्भीक और शानदार प्रदर्शन की वजह से असीम अरुण को देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सिक्यूरिटी में शामिल किया गया। उसमें वे एसपीजी के क्लोज प्रोटेक्शन टीम के हेड थे। इसके अलावा वे एसपीजी, एनएसजी और सीबीआई में भी सेवाएं दे चुके हैं।

स्वाट टीम के गठन में अहम योगदान

स्वॉट टीम आतंकी वारदातों से निपटने और खतरनाक मिशन को पूरा करने के लिए गठित की जाती है। इसमें प्रत्येक कमांडो बड़े और आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इस टीम की शुरुआत करने का श्रेय भी आईपीएस असीम अरुण को ही जाता है। 2009 में अलीगढ़ में तैनाती के वक्त इन्होंने देश की पहली जिलास्तरीय Special Weapons and Tactics Team (SWAT) गठित की थी। इसके बाद आगरा में डीआईजी रहते हुए इन्होंने वहां भी इस टीम की शुरुआत की।

प्रोफाइल: असीम अरुण

-3 अक्टूबर 1970 को बदायूं मे जन्म हुआ

-पिता श्रीराम अरुण आईपीएस व पूर्व डीजीपी

-प्राइमरी एजूकेशन लखनऊ से पूरी की

-दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन

-1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं असीम

-2009 में अलीगढ़ में पहली स्वाट टीम गठित की

- एसपीजी, एनएसजी, सीबीआई में भी सेवाएं दी