कानपुर (ब्यूरो) पीएनबी फीलखाना ब्रांच के चीफ मैनेजर विपिन कुमार के मुताबिक, बीती 23 नवंबर को शाम 5:51 पर नार्दन मोटर्स से एक मेल आई। फिर ब्रांच मैनेजर विनोद कुमार अरोड़ा के सीयूजी नंबर पर फोन आया। कहा, फर्म का आरटीजीएस अभी तक नहीं हुआ है। ट्रू-कॉलर में इस नंबर पर एजेंसी के पार्टनर राजुल खन्ना का नंबर आ रहा था। जिस लेटर हेड पर अथॉरिटी लेटर बनाया गया था, वह बैैंक के रिकॉर्ड से मेल खाता था। इसी आधार पर बैंक ने 33, 65, 356 रुपये 4 अलग अलग बैैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
कई बार फोन आने पर शक
उसी नंबर से कई बार फोन आया और आरटीजीएस के लिए कहा गया। शक होने पर राजुल खन्ना के नंबर पर बात की गई तो उन्होंने कहा उनकी तरफ से न मेल भेजी गई और न कोई कॉल की गई। इतना सुनते ही बैैंक अधिकारी अलर्ट हो गए। तुरंत ट्रांजैक्शन कैंसिल करने के लिए रिक्वेस्ट डाली। साइबर ठगों ने आईसीआईसीआई बैैंक में ट्रांसफर हुई रकम में 6 लाख 65 हजार की ऑनलाइन शॉपिंग कर ली।
राडार पर एकाउंट होल्डर्स
मामले की जांच क्राइम ब्रांच पहुंची तो टीम ने अजय, गुलशन कुमार तिवारी, अभिषेक कुमार, रणजीत कुमार गिरी को राडार पर लिया। इनके ही खाते में रकम ट्रांसफर हुई थी। क्राइम ब्रांच ने बैैंक व मर्चेंट से संपर्क कर 26 लाख रुपए फ्रीज करा दिए। टीम ने पूर्वी चंपारण के थाना पहाड़पुर स्थित सिसुआ बाजार निवासी सुजीत कुमार और मकुआ मतीयरैया निवासी विकास कुमार ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया।
इन आरोपियों की तलाश
डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बिहार के गोपालगंज निवासी सानिया सिद्दीकी, पूर्वी चंपारण बिहार के सिसुआ निवासी सुभाष, कुशीनगर निवासी रंजीत गिरी, मोतिहारी निवासी अभिषेक कुमार कुशवाहा, गुलशन कुमार तिवारी और गाजियाबाद निवासी अजय की तलाश की जा रही है।