अमरीका में जूरी ने कहा है कि सैमसंग ऐपल को एक अरब डॉलर से ज़्यादा यानि लगभग साढ़े पांच हज़ार करोड़ रुपए का हर्जाने दे। जूरी ने ये भी फ़ैसला दिया है कि सैमसंग ने ऐपल के कुछ पेटेंट्स का उल्लंघन किया है।
फ़ैसले में कहा गया है कि सैमसंग के कई उपकरणों में ऐपल के सॉफ़्टवेयर और डिजाइन पेटेंट्स का उल्लंघन हुआ है। जूरी ने सैमसंग के उस दावे को खारिज कर दिया कि ऐपल ने उसके पेटेंट्स का उल्लंघन किया है और उसके हर्जाने की मांग को भी ठुकरा दिया है।
इस फ़ैसले के बाद ऐपल अमरीका में सैमसंग के कुछ उपकरणों के आयात पर पाबंदी की मांग भी कर सकता है। आई-फोन बनाने वाली कंपनी ऐपल ने सैमसंग से 2.5 अरब डॉलर का हर्जाना मांगा था। ऐपल ने सैमसंग पर व्यापारिक नियमों के उल्लंघन के अलावा उसके सात पेटेंट्स की चोरी का भी आरोप लगाया था।
आरोप
लेकिन सैमसंग ने इन आरोपों से इनकार किया था। पलटवार करते हुए सैमसंग ने ऐपल से क़रीब 52 करोड़ डॉलर का हर्जाना मांगा और आरोप लगाया कि ऐपल ने उसके पाँच पेटेंट्स का उल्लंघन किया है।
नौ सदस्यीय जूरी ने कैलिफ़ोर्निया के सैन जोस फ़ेडेरल कोर्ट में क़रीब 700 सवालों पर विचार-विमर्श किया। इनमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की बौद्धिक संपदा के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
मोबाइल बनाने वाली कंपनियों में मुकदमेबाज़ी नई बात नहीं है। लेकिन ऐपल और सैमसंग के बीच चल रही क़ानूनी जंग को काफी अहमियत दी जा रही है क्योंकि इसमें बड़े हर्जाने की मांग की गई है।
इन दोनों कंपनियों के बीच कई क़ानूनी लड़ाइयाँ चल रही हैं। अमरीका के साथ-साथ ये कंपनियाँ ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में भी आमने-सामने हैं।
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