- काश्ाीराम अस्पताल कैंपस बना 108,102 नंबर एंबुलेंस की 'कब्रगाह'

- स्वास्थ्य विभाग का दावा कंडम घोषित की जा चुकी ये सभी एंबुलेंस

- 6से 8 साल पुरानी तक हैं ये एंबुलेंस, इनकी जगह नई एंबुलेंस मंगाई गईं

KANPUR@inext.co.in

KANPUR: इमरजेंसी में काम आने वाली 108 और 102 नंबर की फ्री एंबुलेंस सेवा का असल हाल देखना हो तो कांशीराम अस्पताल कैंपस में नजर डालिए। यहां दर्जनों की संख्या में सरकारी एंबुलेंस धूल खाती मिल जाएगी। इन एंबुलेंसेस का इस्तेमाल इमरजेंसी में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए होना था। इन एंबुलेंसेस का यह हाल कैसे हुआ। इसे लेकर साफ तौर से कोई जवाब तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं मिला। हालांकि दावा किया गया कि बड़ी संख्या में नई एंबुलेंसेस आ गई हैं जिनका इस्तेमाल पेशेंट्स को अस्पताल पहुंचाने में किया जा रहा है।

कितनी पुरानी हैं एंबुलेंस

कांशीराम अस्पताल कैंपस में खड़ी एंबुलेंसेस कितनी पुरानी है यह जानने के लिए इन एंबुलेंस के नंबर को ई वाहन वेबसाइट पर चेक किया गया तो यूपी 41-जी-2692 नंबर की धूल खा रही एंबुलेंस के बारे में पता चला कि इसका रजिस्ट्रेशन नवंबर 2014 में हुआ था और इसकी फिटनेस खत्म हो चुकी है। वहीं यूपी 41-जी-0822 नंबर की एबुलेंस का रिकार्ड चेक किया गया। तो पता चला कि इस एंबुलेंस का आरटीओ रजिस्ट्रेशन अगस्त 2012 को हुआ था। और इसकी फिटनेस साल 2019 में खत्म हो चुकी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग में इन एंबुलेंस की जिम्मेदारी संभालने वाले एक अधिकारी से बातचीत की गई तो जानकारी हुई कि कांशीराम अस्पताल कैंपस में 108 नंबर एंबुलेंस 26 व 102 नंबर एंबुलेंस 28 कुल मिला कर 54 एंबुलेंस खड़ी हैं। जब इन्हें खरीदा गया था। तब इनकी कुल कीमत 6 करोड़ से भी ज्यादा थी। हर एंबुलेंस के साथ ही एक ऑक्सीजन सिलेंडर, स्ट्रेचर भी हेाती है। यह सभी एंबुलेंस 4.50 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं। जिसके बाद अब इन्हें कंडम घोषित कर दिया गया है। अब इनकी नीलामी होनी है।

किस काम में हेाता है यूज

108 एंबुलेंस-

इमरजेंसी होने पर 108 नंबर पर फोन करने पर 30 मिनट में यह एंबुलेंस मौके पर पहुंच जाती है और पेशेंट को नजदीकी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराती है। यह सेवा पूरी तरह से फ्री है।

102 एंबुलेंस- यह खास तौर पर महिलाओं के लिए चलाई गई। सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं को इमरजेंसी में अस्पताल लाने और फिर घर छोड़ने में इसका प्रयोग होता है। यह सेवा भी पूरी तरह से फ्री है।

कितनी एंबुलेंस कर रही काम

सिटी में पेशेंट्स को समय पर सरकारी अस्पताल पहुंचाने के लिए 24 घंटे के हिसाब से कुल 41 एंबुलेंस 108 नंबर की और 36 एंबुलेंस 102 नंबर की काम कर रही हैं। इसके अलावा क्रिटिकल पेशेंट्स को हॉयर सेंटर में ट्रीटमेंट के लिए ले जाने के वाली तीन एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंसेस भी हैं। जो कंट्रोल रूम के जरिए संचालित की जाती हैं।

कांशीराम अस्पताल कैंपस में खड़ी सभी एंबुलेंसेस कंडम हो चुकी है। इनकी जगह नई एंबुलेंसेस 24 घंटे काम कर रही हैं। कंडम हो चुकी एंबुलेंसेस की नियमानुसार नीलामी शासन की अनुमति के बाद की जाएगी।

- डॉ.आरके गुप्ता, एसीएमओ, प्रभारी एंबुलेंस सेवा।