कानपुर (ब्यूरो) । अमेरिका में रह रहे आईआईटी कानपुर के एलुमिनाई आशीष करंदीकर ने अपने अल्मा मेटर को 200,000 अमेरिकी डॉलर का दान दिया है, जो लगभग 1,60,00,000 रुपए के बराबर है। इस फंड से आईआईटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में इनोवेशन, एक्सीलेंस और एकेडमिक डेवलपमेंट के तीन प्रोग्राम्स को चलाया जाएगा। करंदीकर, आईआईटी कानपुर और आईआईटी कानपुर फाउंडेशन, यूएसए के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके ये प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। दान देने वाले एलुमिनाई डीएसटी सेक्रेटरी, आईआईटी कानपुर के एक्स डायरेक्टर और एलुमिनाई डॉ। अभय करंदीकर के भाई हैं।
इन तीन प्रोग्राम्स के लिए
लता और केजी करंदीकर फैकल्टी चेयर: इसे आईआईटी कानपुर फैकल्टी को प्रदान किया गया, जो उन्हें अभूतपूर्व अनुसंधान चलाने और इंजीनियरों की भावी पीढिय़ों को सलाह देने के लिए सशक्त बनाता है।
करंदीकर सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार: असाधारण डॉक्टरेट थीसिस को मान्यता देने और डॉक्टरेट उम्मीदवारों के बीच इनोवेशन और अकादमिक कठोरता को प्रोत्साहित करने वाले उत्कृष्ट विद्वानों के योगदान को मान्यता देता है।
करंदीकर छात्र छात्रवृत्ति, जिसका उद्देश्य छात्रों का पोषण और समर्थन करना, उन्हें उनके शैक्षणिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देना है।
शिक्षा में जीवन बदलने की शक्ति
आईआईटी कानपुर के आफिसेटिंग डायरेक्टर प्रो। एस। गणेश ने कहा कि हम आशीष करंदीकर के आभारी हैं जो उन्हें पूर्व छात्रों की एक विशिष्ट विरासत का हिस्सा बनाता है, जिन्होंने संस्थान में उदारतापूर्वक योगदान दिया है। आशीष करंदीकर ने कहा कि मैं मूल रूप से मानता हूं कि शिक्षा में जीवन बदलने की शक्ति है। इसने निश्चित रूप से मुझे भी बदला है और आईआईटी शिक्षा ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ। अभय करंदीकर ने कहा कि हमारा मानना है कि एक फैकल्टी चेयर स्थापित करने से आशाजनक अनुसंधान परिदृश्य में और अधिक योगदान देने में मदद मिलेगी।