कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप भी ऐसी भीषण गर्मी में ट्रेन में लंबा सफर तय करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। क्यों कि गर्मी में ट्रेनों में मेडिकल हेल्प की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। ज्यादातर पैसेंजर्स को उल्टी, दस्त व पेट दर्द की समस्या है। नार्मल दिनों में 12 घंटे में 6 से 7 कॉल मेडिकल हेल्प के लिए आती थीं। जो वर्तमान में 20 से अधिक हो गई हैं।
दूषित पानी व कटे फल से बचें
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसीन डिपार्टमेंट के प्रो। एसके गौतम ने बताया कि भीषण गर्मी में दूषित पानी व कटे फल पेट में जल्दी इंफेक्शन फैलाते है। ट्रेन में जर्नी के दौरान इन बातों का खास ध्यान देना चाहिए। पैसेंजर्स को वेंडर से पानी की बोतल लेने की बजाए स्टेशन पर स्टॉल से पानी की सील बंद बोतल लेना चाहिए। स्टेशन पर बिकने वाले ऑयली व जंक फूड से बचें। डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में पानी व नमक की मात्रा कम हो जाती है। जोकि बीपी अनियंत्रित करने के साथ पेट का डायजेशन भी खराब कर देता है। इसलिए खानपान का विशेष ध्यान रखें।
इन बातों का रखे ध्यान
-शरीर में पानी की कमी न होने दें, शुद्ध पानी ही पिएं
-तरल परार्थ, फल और जूस का सेवन अधिक करें
- गर्म हवाओं से बचें, कटे फल खरीदकर न खाएं
- दही व छाछ का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें
-समोसा, बर्गर या अन्य जंक फूड का सेवन न करें
जर्नी से पहले करे यह तैयारी
- कम दूरी के सफर में पानी घर से लेकर चलें
- घर में बने खाने-पीने की वस्तुओं को लेकर चलें
- इलेक्ट्राल या ओआरएस के पैकेट जरूर साथ रख लें
- उल्टी व लूज मोशन की दवा साथ रख सकते हैं
- जर्नी के दौरान आरामदायक व ढीले कपड़े पहनें
- एक लीटर की बोतल में एक पैकेट ओआरएस मिलाकर एक घंटे में खत्म कर दें
भीषण गर्मी में ट्रेन के सफर के दौरान स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। दूषित पानी, कटे फल व कई घंटे रखा खानेपीने की वस्तुओं से डाइजेशन सिस्टम बिगड़ जाता है.जर्नी के दौरान सील पैक पानी की बोतल का पानी ही पियें व कटे फल को कतई न खाएं।
प्रो। डॉ। एसके गौतम, मेडिसीन डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज