कानपुर (ब्यूरो)। फैशन, लाइफस्टाइल और एजूकेशनल इंस्टीट्यूट्स में ट्रेंड बदलने के साथ साथ स्टूडेंट्स में स्ट्रीम के ट्रेंड में भी चेंजमेंट आया है। एक समय में पिछड़ों की पढ़ाई कही जाने वाली एग्रीकल्चर एजूकेशन इस समय यूथ के ट्रेंड में है। प्रदेश के जानी मानी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में पहले राउंड की काउंसिलिंग के बाद ही यूजी और पीजी दोनों कैटेगरी में आधे से ज्यादा सीटें भर गई है। एग्रीकल्चर की पढ़ाई को लेकर यूथ में खासा इंटरेस्ट देखा जा रहा है। उनका मानना है कि इस पढ़ाई को करने के बाद वह आसानी से एंटरप्रेन्योर बन सकते है या किसी एग्रीकल्चर एरिया की गवर्नमेंट जॉब्स में जा सकते है।

यूपीकैटेट के माध्यम से

सीएसए यूपीकैटेट के माध्यम से एडमिशन दिए जाते हैं। में सीटों की बात करें तो यूपीकैटेट की पहली काउंसलिंग के बाद यूजी की 69 और पीजी की 83 परसेंट सीटों पर स्टूडेंट्स ने एडमिशन ले लिए है। यूजी की टोटल 528 में से 366 सीटें भर गई है। वहीं, पीजी की 246 में 205 सीटों पर एडमिशन ले लिए गए है। माना जा रहा है कि दूसरे राउंड की काउंसिलिंग तक 95 परसेंट सीटें भर जाएंगी।

न्यू कैंपस के लिए मारामारी

न्यू सेशन से राजकीय कृषि कॉलेज हरदोई का कैंपस सीएसए के अधीन आ गया है। न्यू सेशन में हरदोई कैंपस में यूजी की टोटल 60 में से 50 सीटों पर एडमिशन हो गए है। इसके अलावा सीएसए कैंपस में एमबीए (एग्री बिजनेस) की 60 में से 57 सीटों पर एडमिशन हो गए है। बीटेक (एग्री और डेरी) कोर्सेज में भी एडमिशन की स्थिति बेस्ट है।

कई कोर्स में सिर्फ एक सीट

सबसे कम सीटें भरने की बात करें तो कैंपस में बीएससी (आनर्स) कम्यूनिटी साइंस की 40 में से 15 सीटें ही पहले राउंड में भरी है। दूसरे नंबर पर सबसे कम सीटें भरने में बीएफएससी का नाम है, इसकी टोटल 40 मे से 18 सीटें ही भरी है। अगर पीजी कोर्सेज की बात करें तो स्वाइल कंजर्वेशन एंड वाटर मैनेजमैट की 10 सीटे फुल हो चुकी है। कई कोर्सों में महज एक सीट ही बाकी है।

इसलिए बढ़ा एग्री एजूकेशन का ट्रेंड

एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने के बाद आप कम इंवेस्टमेंट में एंटरप्रेन्योर बन सकते है। इसके अलावा एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट, डेयरी, भूमि संरक्षण समेत कई ऐसे गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स है, जिनमें केवल एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने वालों के लिए ही मौके होते है। इन डिपार्टमेंट्स में आप कनिष्ठ सहायक से लेकर पीसीएस अफसर तक बन सकते है। इन सबके अलावा अगर आपने पीएचडी कर ली तो एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट्स में आसानी से टीचिंग सेक्शन में जॉब मिल जाती है। इन सबके अलावा आईसीएआर के इंस्टीट्यूट्स में रिसर्च और गवर्नमेंट के प्लांस में आसानी नौकरी के मौके रहते है।

एग्री एजूकेशन में ये सब्जेक्ट

अगर हम एग्री एजूकेशन की बात करते है तो सबसे पहले दिमाग में खेत खलिहान आते है। जबकि पूरा एग्री एजूकेशन खेत खलिहान पर निर्भर नहीं है। सीएसए के यूजी कोर्सेज की बात करें तो इनमें एग्रीकल्चर, कम्यूनिटी साइंस, फारेस्ट्री और फिशरीज जैसे सब्जेक्ट आते है। बीटेक में एग्रीकल्चर और डेरी टेक्नोलॉजी ब्रांच है। इसके अलावा पीजी कोर्सेज में स्टूडेंट्स को स्पेशलिस्ट बनाया जाता है, इनमें एक्सटेंशन एजूकेशन एंड कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट, फूड एंड न्यूट्रीशन, ह्यूमन डेवलपमेंट एंड फैमिली स्टडीज, बायोकेमिस्ट्री, एग्रोनॉमी, एंटोमोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी, फ्रूट साइंस, डेरी और एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स समेत 23 कोर्स है।

कोट

एग्री एजूकेशन में केवल खेत में काम करना या फसलों को बोना ही शामिल नहीं है। यह महज एग्री एजूकेशन का एक पार्ट है। यहां पर सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट और साइंटिस्ट तैयार होते है। एग्री एजूकेशन को करने के बाद गवर्नमेंट जॉब्स, रिसर्च फील्ड और स्टार्टअप की अपार संभावनाएं है।

डॉ। आनंद कुमार सिंह, वीसी, सीएसए

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23 से ज्यादा कोर्स चलते हैं सीएसए में

528 सीटे हैं सीएसए यूजी कोर्सेस में

366 सीटों पर हो चुके हैं एडमिशन

246 सीटें हैं टोटल पीजी कोर्सेस में

205 सीटों पर पहले राउंड में एडमिशन