कानपुर (ब्यूरो) गांव से बाहर निकलकर जहां अखिलेश के साथ वारदात को अंजाम दिया गया। वहां गुलाब के सूखे हुए फूल मिले। खेतों के बीच इस तरह गुलाब की सूखी पंखुडिय़ों का क्या इस्तेमाल हो सकता है? इस बात का अंदाजा आम आदमी आसानी से लगा सकता है। इस जगह से चंद कदम की दूरी से शुरू होती है यूकेलिप्टस के बाग की हद। इस बाग में अखिलेश की मौत का राज आज भी दफन है, जिसे खंगालने के बजाय थाना पुुलिस आरोपी को पकड़कर मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश में लगी है। बाग से कोई 200 कदम आगे चलकर बीच में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के फोटो जर्नलिस्ट को एक पुतला मिला। जिसमें एक शैतान का चेहरा भी साफ दिखाई दिया। इसके अलावा इसी जगह एक बच्चे का सिर भी बनाया गया। ये पूरा पुतला गाय के गोबर का बनाया गया है। इस पुतले पर आटा डालकर उसे सफेद भी कर दिया गया। इसी जगह से चंद कदम की दूरी पर शराब की भरी हुई बोतल, पाउच और गिलास मिले हैैं। जिसे घटना के 48 घंटे बाद भी पुलिस कलेक्ट नहीं कर पाई।
बरगद के पेड़ के पास लाया गया
बुधवार को जिस समय पोस्टमार्टम हो रहा था। उसी समय डॉग स्क्वायड और फील्ड यूनिट की टीम घटनास्थल खंगाल रही थी, लेकिन उन्हें इन इविडेंस में से कुछ भी नहीं मिला जो दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने खंगाल लिए। कटी पड़ी सरसों की फसल के बीच कई जगह खून के निशान मिले। जो वारदात को अंजाम देने वालों की कहानी साफ बयान कर रहे थे। गांव से आधा किलोमीटर की दूरी पर बरगद का पेड़ है। इस बरगद के पेड़ के सामने से ही घटनास्थल का रास्ता गया है। दो खेत पार करने के बाद हत्यारोपी ने अखिलेश के साथ वहशियाना हरकतें की। यूकेलिप्टस के पूरे बाग में सूखी पत्तियों में न सिर्फ खून से निशान मिट गए बल्कि फुट प्रिंट्स भी हल्के हो गए। इससे पुलिस के लिए काम बढ़ गया है। एक बात और सामने आई जो भी इस वारदात में शामिल है वह गुटखे का पुराना शौकीन है। घटनास्थल के आसपास ताजे फटे हुए गुटखे के पाउच भी मिले हैैं।
आसपास जाने के लिए मनाही
जिस खेत में अखिलेश का शव मिला, वहां से चंद कदम की दूरी पर यूकेलिप्टस का खेत है। सड़क से लगे हुए खेत में तंत्र क्रिया के इविडेंस मिले हैैं। इस वजह से पुलिस ने इस तरफ का आना जाना पूरी तरह से बंद कर दिया है। एक खेत छोड़कर काम कर रहे दुलारे ने बताया कि लगातार पुलिस इन खेतों में सर्च कर रही है। इसके बाद भी वारदात का खुलासा नहीं कर पाई है। इलाके के रहने वाले ज्यादातर लोगों में इस सनसनी फैलाने वाली वारदात की चर्चा है। लेकिन लोग न तो पुलिस के सामने मुंह खोलने को तैयार हैैं और न ही परिजनों के।