-डिग्री कॉलेजों में मैथ्स के ऑब्जेक्टिव पेपर में 80 परसेंट को किया फेल
-75-75 मॉर्क्स के एग्जाम में पहले मिले थे 17, रीचेकिंग में 50 से 70 अंक मिले
KANPUR: सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड कॉलेजों में मूल्यांकन किस तरह हो रहा है। इसकी बानगी बीएससी थर्ड ईयर के मैथ्स के ऑब्जेक्टिव एग्जाम में देखने को मिली.आंसर शीट की रीचेकिंग की गई तो मंडे को आए रिजल्ट में सभी को पास कर दिया गया।
तकनीकी गड़बड़ी बता पीछा छुड़ाया
आंसर शीट चेक होने में कुछ तकनीकी गड़बड़ी के चलते सत्र 2019-20 के 80 परसेंट से अधिक स्टूडेंट्स को फेल कर दिए गए थे। स्टूडेंट्स ने कुलसचिव डॉ। अनिल कुमार यादव से दोबारा जांच कराए जाने का निवेदन किया था। जिन स्टूडेंट्स को पहले मैथ्स के दो अलग-अलग क्वैश्चन पेपर में मिलाकर 17 अंक दिए गए थे। दोबारा जांच के अब उन्हें 50 से 70 अंक तक मिले हैं। दोनों प्रश्न पत्र 75-75 अंक के थे।
गलत रिजल्ट जारी किया था
पीपीएन डिग्री कॉलेज, क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज व वीएसएसडी डिग्री कॉलेज समेत शहर के अन्य कॉलेज के ज्यादातर स्टूडेंट्स का गलत रिजल्ट भी जारी कर दिया गया था। फेल स्टूडेंट्स ने अपने-अपने कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत करने के साथ गलत मार्क्स दिए जाने के विरोध में यूनिवर्सिटी कैंपस में हंगामा किया था। कुलसचिव से मिलकर उन्होंने एग्जाम का रिजल्ट संशोधित कराने को लेकर शिकायती पत्र भी सौंपा था।
निमसेट में हो चुका था सिलेक्शन
फेल होने पर इसलिए तगड़ा झटका लगा था क्योंकि उनमें से कई स्टूडेंट्स का सिलेक्शन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉमन इंट्रेंस टेस्ट 'निमसेट' में हो चुका था जबकि कुछ को एमएससी के लिए देश के बड़े संस्थानों ने चुन लिया था। इसके अलावा एमसीए में एडमिशन के लिए हुई उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम में शानदार मार्क्स प्राप्त करके टॉपर बनने वाले एक स्टूडेंट को भी बहुत कम अंक दिए गए थे।
स्क्रूटनी करा सकते हैं स्टूडेंट
जिन स्टूडेंट्स को अभी भी 60 से कम मॉर्क्स मिले हैं उनमें से कुछ स्टूडेंट स्क्रूटनी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि इससे कम मॉर्क्स मिलने पर बड़ी कंपनियों में जॉब मिलना मुश्किल हो सकता है। उन्हें यकीन है कि उन्होंने अपना सौ परसेंट दिया है इसलिए वह स्क्रूटनी करा सकते हैं। बेहतरीन कॉलेजों में एमएससी में एंट्री लेने के लिए भी बीएससी में 60 परसेंट व उससे अधिक अंकों की शैक्षिक योग्यता है।