कानपुर (ब्यूरो)। सिविल लाइन एरिया में डिप्रेशन का शिकार सीनियर सिटीजन ने लाइसेंंस गन से गोली मारकर सुसाइड कर लिया। परिजनों के अनुुसार तीन साल पहले भी उन्होंने सुसाइड का प्रयास किया था। घटना सैटरडे मार्निंग में हुई। फैमिली मेंबर्स ने इसकी सूचना ग्वालटोली पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गन को कब्जे में लेकर इंवेस्टिेगशन शुरू कर दी।

बुलेट सिर के आर-पार हो गई
ग्वालटोली सिविल लाइन निवासी पेशे से अधिवक्ता परवेज मुनीर मिलन (69) का सिविल लाइन में ही मिलन गेस्ट हाउस के नाम से फैमिली बिजनेस है। पत्नी निशात परवेज ने बताया कि करीब 25 साल से पति को डिप्रेशन के शिकार थे। उनका डाक्टर एससी अग्रवाल से इलाज भी चल रहा था। सैटरडे मार्निंग करीब सवा नौ बजे उन्होंने 12 बोर की अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। दाहिनी आंख से सटाकर मारी गई गोली भेजा चीरती हुई पार निकल गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

कम जाते थे प्रैक्टिस पर
एसीपी कर्नलगंज अकमल खान बताया कि परवेज मुनीर लंबे समय से डिप्रेशन के शिकार थे और कई बार सुसाइड का प्रयास कर चुके थे। वर्ष 2020 में भी उन्होंने फांसी का फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की थी। मृतक परवेज मुनीर पेशे से अधिवक्ता थे पर बीमार होने के कारण प्रैक्टिस के लिए कम ही जाया करते थे। फैमिली में पत्नी निशात परवेज के अलावा दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा शारिक मुनीर दोहा (कतर) में होटल मैनेजर हैं जबकि बेटी नगमी मुनीर अपने पति के साथ गुडग़ांव में रहती हैं। परवेज मुनीर पांच भाईयों में तीसरे नंबर पर थे और सभी भाइयों के फैमिली एक ही कैंपस में रहते हैं।


पैत्रक बंदूक से प्यार पड़ा भारी
परवेज मुनीर 25 सालों से डिप्रेशन के शिकार थे। साल भर पहले भी उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद परिवार ने लाइसेंसी बंदूक को हटाने का विचार किया। मगर, पुरखों की बंदूक से प्यार ने उसे हटाने नहीं दिया और आखिरकर वही अनहोनी का कारण बन गई।

हाथों से पकड़ी नाल, पैर के अंगूठे से दबावा ट्रिगर
पुलिस के मुताबिक जांच पड़ताल में सामने आया है कि परवेज मुनीर ने बंदूक की नाल दोनों हाथों से पकड़ी और आखिरी शिरा दाहिनी आंख से ऊपर भौंह के पास रखा। इसके बाद बाएं पैर के अंगूठे से उन्होंने ट्रिगर दबाकर जान दे दी।