कानपुर (ब्यूरो) मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ। नरेश चंद्र ने बताया कि स्कूलों और केंद्र में आने वाले किशोरों को सर्वे में शामिल करके उनकी दिनचर्या और स्क्रीन टाइम, डाइट के बारे में सवाल पूछ कर रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंनेे बताया कि सोशल मीडिया पर आने वाले अपडेट को चेक करने से धीरे धीरे बच्चों के मस्तिष्क में बदलाव देखा गया। उनमें पढ़ाई के दौरान एकाग्रता न होने और याददाश्त कमजोर होने का पता चला है। ऐसे में बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखकर उन्हें जागरूक करने की जरूरत है।
ये दिखे लक्षण
- मनोवैज्ञानिक विकार (साइकोलाजिकल डिसआर्डर)
- दिमाग एक काम में केंद्रित न कर पाना।
- लगातार मोटापा बढऩा
- ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने सोशल एप पर एक्टिव रहना
ऐसे करें सुधार
- फोटो और वीडियो से दूरी बनाएं
- मोबाइल पर स्क्रीन टाइम सीमित रखें
- समय पर पौष्टिक आहार लेते रहें
- रचनात्मक कार्यों के लिए सोशल एप का उपयोग करें