कानपुर (ब्यूरो) एनसीआर सीपीआरओ डॉ। शिवम शर्मा ने बताया कि रेल टिकटों की दलाली करने वालों पर अंकुश लगाने पर रेलवे ने पूरे देश में एक माह के लिए ऑपरेशन 'उपलब्धÓ चलाया था। जिसके तहत कानपुर, एनसीआर समेत पूरे देश में 6751 पर्सनल यूजर आईडी व 366 आईआरसीटीसी के एजेंट की आईडी को ब्लैक लिस्ट किया गया है। अभियान के तहत कानपुर में 350 से अधिक पर्सनल यूजर आईडी व 6 एजेंट्स पर कार्रवाई की गई है।
आसानी से कंफर्म बर्थ
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक फर्जी डाक्यूमेंट का सहारा लेकर आईआरसीटीसी की वेबसाइड में पर्सनल आईडी बनाकर ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग कर बिक्री करने वालों पर अंकुश लगने से पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। पैसेंजर्स को समर वीकेशन पर लंबी रूट की ट्रेनों में आसानी से कंफर्म टिकट मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सक्रिय टिकट दलाल कई पर्सनल यूजर आईडी बनाकर ऑनलाइन टिकट की बुकिंग कर लेते हैं। जिसके बाद वह जरूरतमंदों को मनचाहे दामों में टिकट बिक्री करते हैं।
खुफिया टीम ने तीन को भेजा जेल
मार्च 2022 में कानपुर के विभिन्न इलाकों से आरपीएफ व आरपीएफ की खुफिया विंग सीआईबी की टीम ने तीन बड़े टिकट दलालों को पकड़ा है। जिसके पास से उनको दर्जनों की संख्या में आगे की रेल टिकटें, पुरानी टिकटें व दर्जनों की संख्या में पर्सनल यूजर आईडी मिली हंै। आरपीएफ ने पकड़े गए तीन आरोपियों के पास से बरामद हुए लैपटॉप, प्रिंटर व मोबाइल को जांच के लिए आईटी सेल भेज दिया है।
एक माह में 12 टिकट होते बुक
आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने बताया कि आईआरसीटीसी के नियमों के तहत पर्सनल आईडी से एक व्यक्ति एक माह में सिर्फ 12 टिकटों की ही बुकिंग कर सकता है। इसी लिए टिकट दलाल फर्जी डाक्यूमेंट का सहारा लेकर एक दर्जन से अधिक पर्सनल यूज आईडी बना लेते हैं। जिससे वह एक माह में जरूरत के मुताबिक ऑनलाइन टिकट की बुकिंग कर जरूरतमंदों को मनचाहे दामों में बेचते हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए लगातार अभियान चलाया जाएगा।