कानपुर(ब्यूरो)। ई बसों के कंडक्टर्स ने तीन दिन पहले अधिकारियों पर तरह तरह के आरोप लगाकर हड़ताल कर दी थी। हटाए गए परिचालकों को नौकरी पर वापस रखने सहित कई मांग कर रहे थे। काफी कोशिशों कें बाद हड़ताल वापस हुई और बसें रोड पर उतरीं। जबकि अधिकारियों का दावा है कि कंडक्टर ई-बसों से होने वाली कमाई में लंबा हेरफेर कर रहे हैं। कंडक्टर बसों में कभी पैसेंजर्स को टिकट न देकर पैसा जेब में रखने तो कभी स्टाफ पास के नाम पर कमाई कर रहे हैं। ई-बसों में इस तरह के 35 प्रकरण सामने आए हैं। ई-बस सेवा के अधिकारियों ने परिचालकों के खिलाफ जांच शुरू की है।
20 हजार पैसेंजर्स डेली
पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा देने तथा प्रदूषण कम करने के लिए पिछले वर्ष दिसंबर में ई-बसों का संचालन शुरू किया गया था। वर्तमान में 58 ई-बसें चल रही हैं। हर दिन औसत 20 हजार यात्री ई-बस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इससे ई-बस सेवा को 3.25 लाख रुपये की आय हो रही है। ई-बसों के परिचालक यात्रियों को टिकट न देने के साथ ही फैमिली यात्रा पास के मान पर ई-बस सेवा को चूना लगा रहे है।
हड़ताल वालों को नोटिस
ई-बस सेवा के अधिकारी ने बताया कि आईआईटी से जाजमऊ की बसों में जांच के दौरान इस तरह के मामले पकड़े गए। ई-बसों की कमाई को हड़पने वाले 20 परिचालकों को तीन माह में निकाला जा चुका है। वहीं ई-बस प्रबंधन ने हड़ताल कर हंगामा करने वाले परिचालकों को नोटिस दिया है। ये परिचालक निकाले गए 20 परिचालकों के पक्ष में हंगामा कर रहे थे। ई-बस सेवा के प्रबंध निदेशक अनिल अग्रवाल ने बताया कि परिचालकों की जांच कराई जा रही है।
58 ई बसों का संचालन हो रहा है शहर में
10 से ज्यादा रूट पर बसें हो रहीं संचालित
3.5 लाख रुपए की डेली होती है इनकम
20 हजार के करीब पैसेंजर डेली करते सफर