कानपुर (ब्यूरो) रेलवे अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों को हाईस्पीड में दौड़ाने का काम चल रहा है। इसको लेकर जहां ट्रैक में लगातार रेलवे नई टेक्ननालॉजी का यूज कर रहा है। इसके तहत ही रेलवे ने ट्रैक में टू ए डिवाइस लगाने का फैसला किया है। जिससे ट्रेनें बिना हाईस्पीड में सुरक्षित दौड़ सकेंगी।
ट्रायल कर दिखाई हरी झंडी
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस डिवाइस को रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने तैयार किया है। जिसके बाद प्रयागराज डिवीजन में दिल्ली-हावड़ा रेल ट्रैक में कुछ किलोमीटर पर इस डिवाइस को लगा कर उसका ट्रायल किया गया। एक साल तक चले ट्रायल के बाद आरडीएसओ ने इसको पूरे ट्रैक में लगाने की मंजूरी दे दी है।
सेंसरयुक्त होगी यह डिवाइस
रेल ट्रैक में लगाई जाने वाले टू ए डिवाइस सेंसरयुक्त होगी। ट्रैक में फ्रैक्चर समेत कुछ खामी होने पर यह डिवाइस एक्टिव हो जाएगी। ट्रेन के इसके रेंज में आते ही रेल इंजन में लगी डिवाइस में अलर्ट बीप बजने लगेगी। जिससे ड्राइवर को यह पता चल जाएगा कि आगे ट्रैक में कोई प्रॉब्लम है। ड्राइवर तत्काल रेलवे के कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल कर मामले की जानकारी देगी। लिहाजा चंद सेकेंड में आसपास मौजूद ट्रैकमैन की टीम घटनास्थल पर पहुंच जाएगी।
कानपुर के आसपास हो चुके बड़े हादसे
बीते वर्षो में कानपुर के आसपास इलाकों में बड़ी ट्रेन दुर्घटनाएं हो चुकी है। तीन वर्ष पूर्व रूरा व पुखरायां में दो बड़े हादसे हुए थे। जिसमें पुखरायां में हुए रेल एक्सीडेंट में 190 से अधिक लोगों की जान गई थी। इसके पूर्व मलवां में भी एक बड़ा रेल हादसा हो चुका है। जिसमें भी 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। ऐसे हादसों में अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने ट्रैक को एक्सीडेंट अलार्मिंग डिवाइस से लैस करने का निर्णय लिया है।
एक नजर में
- 276 से अधिक पैसेंजर्स ट्रेनों का आवागमन
- 10 लाख से अधिक पैसेंजर्स का इस रूट में डेली करते जर्नी
- 2 किमी के अंतराल में यह डिवाइस ट्रैक में लगाई जाएगी
- 1 साल के ट्रायल के बाद ट्रैक में डिवाइस लगाने का लिया निर्णय
पैसेंजर्स की सुरक्षा व संरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है। सुरक्षित जर्नी को लेकर लगातार ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे हम रेल हादसों से पूरी तरह से अंकुश लगा सकेगा।
अमित सिंह, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन