स्टीम से चलने वाला रॉकेट किया तैयार
बुजुर्ग माइक पेशे से लिमोसिन कार चालक हैं और वह विज्ञान की मान्यताओं पर विश्वास नहीं करते। उनका मानना है कि पृथ्वी गोल नहीं बल्कि चपटी है। अपनी इस मान्यता को सही साबित करने के लिए माइक ने कई वर्षों की मेहनत से घर पर ही स्टीम से चलने वाला एक रॉकेट तैयार किया। इसके बाद उसे कैलिफोर्निया के एंबोय कस्बे के नजदीक के रेगिस्तान में लेकर आए और उसी रॉकेट में सवार होकर उन्होंने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी, लेकिन 1,875 फीट (571 मीटर) की ऊंचाई पर जाकर रॉकेट जवाब दे गया और उसके बाद माइक ने बाहर निकलकर पैराशूट की मदद से जमीन के लिए छलांग लगा दी।
मौसम बदलने के बाद भी रॉकेट दागने का निर्देश
बता दें कि यह घटना शनिवार की है और उस दिन इलाके का मौसम अचानक बदला, लेकिन धुन के पक्के माइक नहीं माने और अपने सहायक वाल्डो स्टेम्स को लॉन्चिंग के लिए रॉकेट दागने का निर्देश दे दिया। बिना उलटी गिनती के यह रॉकेट छोड़ा गया। करीब साढ़े तीन सौ मील प्रति घंटा की रफ्तार से यह रॉकेट आकाश की ओर बढ़ा, लेकिन 1,875 फीट (571 मीटर) की ऊंचाई पार करने के बाद इसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे की ओर आने लगा। तभी माइक ने पैराशूट की मदद से बाहर छलांग लगा दी।
गैस से लॉन्च होने वाला रॉकेट तैयार करेंगे
मामूली रूप से घायल माइक को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रयोग में वह दस कारणों से मर सकते थे, जिसमें हृदय गति अनियंत्रित होना प्रमुख था, लेकिन प्रयोग जारी रखने के लिए वह स्वस्थ और जिंदा हैं। माइक के मुताबिक अब वे गैस से लॉन्च होने वाला एक ऐसा रॉकेट तैयार करेंगे, जो उन्हें 68 मील यानी 110 किलोमीटर दूर तक ले जा सकेगा। यहां से वह धरती की फोटोग्राफ्स लेकर आसानी से साबित कर देंगे कि धरती फ्लैट यानी चपटी है।
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