उन्हें अपनी फिल्मों और नाटकों के जरिए ऐसा करने का दोषी पाया गया है और उन पर 170 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। फरवरी में 71 वर्षीय इमाम को गैर-मौजूदगी में ही दोषी पाया गया था। एक इस्लामी वकील ने उनके खिलाफ मुकदमा किया था लेकिन उन पर दोबारा मुकदमा चलाया गया। संभावना है कि वे इस आदेश के विरुद्ध अपील कर सकते हैं।

इमाम की फिल्में खासी लोकप्रिय

वकील इसरान मनसूर ने इमाम पर फिल्मों और नाटकों के जरिए बार-बार प्रशासन और राजनीतिक नेताओं की खिल्ली उड़ाने और इस्लमान और उसके प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाया था। इमान की फिल्में मिस्र में खासी लोकप्रिय हैं और उन्होंने कई तरह की भूमिकाएँ निभाई हैं।

मनसूर ने - फिल्म अल-इरहाबी (जिसमें इमाम कट्टरपंथी मुसलमान हैं), नाटक अल-जाईम जिसमें मध्य पूर्व के तानाशाहों का मजाक उड़ाया गया है और फिल्म मॉर्गन अहमद मॉर्गन जिसमें संसदीय चुनाव लड़ने वाले एक अमीर व्यवसायी की कहानी है - का हवाला दिया है।

इससे पहले इस साल उद्योगपति नागुइब साविरिस के खिलाफ़ ईशनिंदा की दो शिकायतें खारिज कर दी गई थीं। उन्होंने मिकी माऊस के दाढ़ी वाले और मिनी माऊस के नकाब वाले कार्टून ट्वीट किए थे।

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