दूसरा दिन : (शनिवार)
कानपुर (ब्यूरो) किसी तरह सुबह हुई। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदण्ड, जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी, पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तमाम पुलिस बल के साथ रेस्क्यू चलता रहा। शनिवार सुबह 10 बजे एक मिसिंग हुए युवक का शव मिला। दोपहर बाद लगभग दो बजे पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी मौके पर पहुंचे और व्यापारियों से बातचीत की। इसी बीच आग भडक़ गई। आगरा से टेलीस्कोप हाईड्रोलिक प्लेटफार्म लाया गया, जिसकी मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश जारी रही। व्यापारी परेशान रहे, डीजी फायर पहुंचे और उनके निर्देशन में आग बुझाने का काम शुरू हुआ।
तीसरा दिन : (रविवार)
रविवार सुबह से आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। सुबह 10 बजे पीछे के घरों तक आग पहुंच गई। पुलिस ने घरों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दोपहर 12 बजे अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। जहां आग बुझ गई थी, वहां से सामान निकालने के लिए लोगों से कहा।
चौथा दिन : (सोमवार)
दीवारों को गिराने का काम सुबह दस बजे से शुरू किया गया। दुकानों के शटर काटे गए। 12 बजे के आस पास विधानसभाध्यक्ष सतीश महाना पहुंचे और व्यापारियों से बात की। शाम चार बजे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने आग पर काबू पाने का ऐलान कर दिया।
यह भी जान लीजिए
1150 दुकानें लगभग जलकर खाक हो गईं आग में
2.50 लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं
50 हजार कर्मचारी और कामगारों के परिवार इनमें शामिल
30 से 35 हजार के आसपास प्रतिदिन खाते-कमाते थे
2000 व्यापारी तबाही की चपेट में आए हैं
60 गाडिय़ों से लगभग 400 गाड़ी पानी लाया गया
4 सीएफओ समेत 350 फायर ब्रिगेड कर्मी मौजूद रहे
2 कंपनी पीएसी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी मौजूद रही
320 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी मौके पर व्यवस्था के लिए लगाई गई
8 आईपीएस अधिकारी और 4 आईएएस अधिकारी रहे मौजूद