कानपुर(ब्यूरो)। निकाय चुनाव धीरे धीरे गति पकड़ रहा है। प्रत्याशियों की लिस्ट आने लगी हैैं। वहीं प्रत्याशियों ने भी लोगों से मिलना जुलना और वायदे करना शुरू कर दिया है। वहीं पुलिस ने भी शांति पूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने की तैयारी शुरू कर दी है। आरएएफ, क्यूआरटी, पीएसी और तमाम पुलिस फोर्स की ड्यूटी शहर में लगा दी गई है। बैड एलीमेंट्स की तलाश में पुलिस की टीमें लगी दी गई हैैं। पुलिस अधिकारियों के आदेश पर हर थाने से अशांति फैलाने वालों की लिस्टिंग की जा रही है। 110 वार्डों में अशांति फैलाने वालों की बड़ी संख्या सामने आई है। थाना पुलिस को इनकी गिरफ्तारी का टारगेट दिया गया है। कमिश्नरेट पुलिस ने रिवार्डेड क्रिमिनल्स की गिरफ्तारी के लिए एजेंसी की मदद लेनी शुरू कर दी है।

सर्विलांस के घेर में शातिर
आचार संहिता लागू होते ही पुलिस की नई और पुरानी लिस्ट में शामिल 405 शातिर घर छोडक़र फरार हो गए। वहीं प्रयागराज में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यूपी में धारा 144 लगा दी गई। पुलिस ने इन 405 शातिरों की सुरागरसी शुरू की तो पता चला कि पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद मोबाइल नंबर भी बंद चल रहे हैैं। जिससे पुलिस की परेशानी बढ़ गई है। अब पुलिस इन शातिरों के जमानतगीरों पर शिकंजा कस रही है। दरअसल पुलिस ने शांतिभंग में इन सभी लोगों को नोटिस जारी कर कार्रवाई कर दी है और नियमानुसार इन सभी को निजी मुचलके पर रिहा होने की शर्त भी रख दी गई है। जिसकी वजह से इनकी तलाश तेजी से शुरू कर दी गई है।

ऐसे लोगों को बनाया जाता है शांति भंग का आरोपी
- बीते पांच चुनावों के दौरान विवाद में नाम आने पर।
- मोहल्ले में सबसे ज्यादा झगड़ालू होने पर।
- कई बार जेल जाने या थाने तक जाने पर।
- मोहल्ले में आम छवि खराब होने पर।
- एलआईयू की रिपोर्ट खिलाफ आने पर।
- चुनाव की चर्चा ज्यादा करने पर।
- प्रत्याशी के परिवार में विवादित व्यक्ति होने पर।
- विवाद के दौरान पुलिस मुजाहमत होने पर।
- राजनीतिक विवाद होने पर भी होती है कार्रवाई।

ऐसे चिन्हित होते हैं शांति भंग के आरोपी
संबंधित थाने से इनकी लिस्ट सीनियर पुलिस अधिकारी तक जाती है। उसके बाद इस लिस्ट में शामिल लोगों की जांच स्थानीय खुफिया इकाई यानी एलआईयू करती है। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। शासन से लिस्ट वापस आने के बाद पुलिस अधिकारी, थाने, चौकी और बीट सिपाहियों तक दी जाती है। जहां से कार्रवाई शुरू होती है। बताते चलें कि ये कार्रवाई 107/16 की होती है। जिसमें निजी मुचलके पर शासन से जमानत आसानी से मिल जाती है। निजी मुचलके में लिखा जाता है कि आप चुनाव के दौरान अशांति नहीं फैलाएंगे।
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चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए तमाम प्रक्रियाएं की जाती हैैं, जिसमे 107/16 की कार्रवाई भी है। लोगों से अपील है कि वे किसी विवाद में न पड़ें।
आनंद प्रकाश तिवारी, जेसीपी कानपुर कमिश्नरेट