कानपुर(ब्यूरो)। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण वोटिंग के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा मतदान कराना चुनाव आयोग का पहला लक्ष्य है। जितना ज्यादा मतदान होगा, उतना ही लेाकतंत्र मजबूत होगा। निर्वाचन विभाग ने इस बार 70 फीसदी वोटिंग कराने का टारगेट रखा है। वोटिंग परसेंटज बढ़ाने के लिए इलेक्शन कमीशन ने बड़ों के साथ बच्चों को भी अवेयर करना शुरू कर दिया है। जिससे बच्चे अपने पेरेंट्स को वोटिंग के लिए प्रेरित करें।
मतदान क्यो हैं जरूरी?
2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर में 33.70 लाख वोटर्स में महज 19.29 लाख यानी 57.26 प्रतिशत वोटर्स ने ही अपन मताधिकार प्रयोग किया था। इनमें 8.52 लाख महिला और 10.57 लाख पुरुषों ने वोट डाले थे। वहीं इस बार 70 फीसदी से अधिक वोटर्स को वोटिंग कराने की कोशिश है। मतदान क्यों जरूरी है यह लोगों को समझाया जा रहा ह। राजनीतिक दलों की बात करें तो भाजपा, बसपा, कांग्रेस और सपा की महिला कार्यकर्ता टोलियां बनाकर घरों में जा रही हैं।
युवा वोटर्स पर है नजर
युवा वोटर्स को भी अपने पाले में लाने के लिए राजनीतिक दल अलग अलग तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इस बार करीब 33 हजार से ज्यादा युवा ऐसे हैं जो फस्र्ट टाइम वोटर हैं। सभी दलों की इन वोटर्स पर खास निगा है। सपा, बसपा और कांग्रेस जहां बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहे हैं, हीं भाजपा सुशासन और राष्ट्रवाद को हथियार बनाकर आगे बढ़ रही है।
फैक्ट फाइल
- 10 विधानसभा सीट
- 34,89,575 वोटर्स
- 15,93,500 महिला
- 18,95,815 पुरुष
- 260 ट्रांजजेंडर