कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिङ्क्षल्डग को बनाने में कार्यदायी संस्था ने इस कदर लापरवाही की कि समय सीमा से भी 16 महीने ज्यादा गुजर गए। शहर के दोनों सांसदों से लेकर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री ने भी चेतावनी दी। चार बार डेडलाइन बढ़ाई लेकिन कंपनी के कान पर जू भी नहीं रेंगी। लगातार हो रही अनदेखी के चलते एयरपोर्ट अथारिटी अब इसे बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इसी के चलते कार्यदायी संस्था पर 6 करोड़ का जुर्माना लगाया जा रहा है। जुर्माना जमा न करने पर काम छीना जाएगा और भुगतान रोककर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट तैयार कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन को भेजी गई है। अनुमति मिलते ही कार्रवाई होगी ।
मेट्रो बनी,टर्मिनल नहीं
चकेरी के मवइया में नई टर्मिनल बिङ्क्षल्डग बनाने का काम यूपीआरएनएन (उप्र राजकीय निर्माण निगम) को दिया गया था। अक्टूबर 2019 में जारी वर्कआर्डर के मुताबिक 16 महीने में काम पूरा किया जाना था। टर्मिनल बिङ्क्षल्डग बनाने के लिए 106 करोड़ रुपये का बजट भी जारी हुआ था। पहले तो यूपीआरएनएन ने निर्माण कार्य की शुरुआत ही काफी देर से की। इसके बाद कोविड संक्रमण के चलते काम बाधित हुआ। ऐसे में जब भी काम में देरी का कारण पूछा जाता है तो यूपीआरएनएन के अधिकारी कोविड का हवाला देकर बचने का प्रयास करते हैं। अब तक चार बार टर्मिनल बिङ्क्षल्डग के निर्माण की टाइम लिमिट भी बढ़ चुकी है।
एयरपोर्ट अथारिटी ने सख्त कदम
लगातार हो रही इस हीलाहवाली पर अब एयरपोर्ट अथारिटी ने सख्त कदम उठाया है। दरअसल काम शुरू हुए 32 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने काम में हो रही देरी की रिपोर्ट बनाकर करीब छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की संस्तुति की है। इस संबंध में रिपोर्ट बनाकर चेयरमैन को भेजी गई है। एयरपोर्ट अधिकारियों का तर्क है कि मेट्रो प्रोजेक्ट नई टर्मिनल बिङ्क्षल्डग के प्रोजेक्ट से काफी बड़ा था लेकिन यह समय से पूरा हुआ। ऐसे में उनका यह तर्क मानने योग्य नहीं है। अनुमति मिलने के बाद जुर्माना भरना ही पड़ेगा।
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नई टर्मिनल बिङ्क्षल्डग का कार्य शासन की प्राथमिकता में है। पहले ही काफी देर हो चुकी है.कार्य समय से पूरा कराने के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों और यूपीआरएनएन को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
-डॉ। राजशेखर, कमिश्नर कानपुर डिवीजन
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2019 अक्टूबर वर्कआर्डर जारी किया गया था
16 महीने में काम को पूरा किया जाना था।
106 करोड़ रुपये का बजट भी जारी हुआ था।
32 महीने बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ
55 परसेंट के लगभग काम अब तक हुआ है
4 बार काम पूरा करने के लिए डेडलाइन बढ़ाई