कानपुर (ब्यूरो)। लोकसभा चुनावों के शेड्यूल का एलान होते ही पुलिस अधिकारियों का बीपी बढ़ा हुआ है। फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने की तैयारी में अराजकतत्वों और अपराधियों ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ दी हैं। सबसे बड़ा सिरदर्द 504 लापता हिस्ट्रीशीटर्स बने हुए हैैं। इनकी तलाश में पुलिस ने दिन-रात एक कर दिया है, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। पुलिस और इंटेलीजेंस की रिपोर्ट है कि इन फरार हिस्ट्रीशीटर्स की चहलकदमी लोकसभा चुनाव में घातक हो सकती है, जिसकी वजह से शासन को जानकारी देने के बाद इनकी तलाश की जा रही है। इन शातिरों ने बीते कई चुनाव में गड़बड़ी फैलाई थी, जिसकी वजह से कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों को अभी से पसीना आने लगा है।

जेल से छूटने के बाद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंटेलीजेंस और मैनुअल इंक्वायरी के साथ सर्विलांस टीम के साथ पुलिस की टीम लगाई गई हैै। जेल से जमानत पर छूटने के बाद से फरार हुए हिस्ट्रीशीटर्स की तलाश की जा रही है। उनके जमानतगीरों की तलाश की जा रही है। फैमिली मेंबर्स से पूछताछ की जा रही है। पुलिस की कई टीमों के साथ बीट पुलिसकर्मी भी फरार हिस्ट्रीशीटर्स की तलाश में छापेमारी कर रहे हैैं। डिस्ट्रिक्ट डोमिनेशन स्कीम के तहत इनकी तलाश की जा रही है। डोजियर में शामिल लोगों से पूछताछ की जा रही है।

संपत्ति पहले ही हो चुकी सीज
पुलिस सूत्र बताते हैैं कि इन हिस्ट्रीशीटर्स के परिवार वालों और जमानतगीरों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इनकी संपत्ति पहले ही पुलिस सीज कर चुकी है। अब पुलिस जमानतगीरों की संपत्ति का डिटेल कलेक्ट कर रही है। अगर हिस्ट्रीशीटर्स का सुराग नहीं लगा तो जमानतगीरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कानपुर कमिश्नरेट में कुल 2258 हिस्ट्रीशीटर्स हैैं। जिनमें से 59 की मौत हो चुकी है। जबकि 1432 की निगरानी पुलिस विभिन्न माध्यमों से करा रही है। 263 हिस्ट्रीशीटर्स जेल में हैैं। जबकि 504 लापता हैैं। पुलिस अधिकारियों की माने तो इनके खिलाफ राजनीतिक मामले ज्यादा दर्ज हैैं, जिसकी वजह से इलेक्शन तक इनकी जानकारी होना जरूरी है।