कानपुर (ब्यूरो) स्वर संगम घोष कार्यक्रम के अंतिम दिन कुटुंब प्रबोधन, सेवा विभाग और प्रांत कार्यकारिणी की बैठक हुई। प्रथम सत्र में कुटुंब प्रबोधन के कार्यकर्ताओं ने प्रांत में चल रही गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार संस्कारित हो। प्रत्येक परिवार के सभी सदस्य दिन में एक बार सामूहिक रूप से भोजन अवश्य करें, यह संदेश दें ताकि सब एकजुट हों।

हर जाति में महापुरुष पैदा हुए
सरसंघचालक डॉ। भागवत ने सेवा कार्य और बढ़ाने के लिए कहा। तीसरे सत्र में प्रांत कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं के साथ वार्ता में सरसंघचालक ने कहा कि घोष शिविर में भले ही मौसम ने सहयोग नही किया परन्तु स्वयंसेवकों ने बहुत परिश्रम से वाद्य यंत्रों को बजाने का अभ्यास किया था। शिविर की सार्थकता तभी होगी जब यह अभ्यास लगातार जारी रहे। प्रत्येक जिले में घोष की अच्छी टीम बने और लोगों में घोष के प्रति रुचि बढें़। मंदिर, श्मशान, जलाशय पर सम्पूर्ण ङ्क्षहदू समाज का समान अधिकार हो। जातिवाद के लिए समाज में कोई स्थान न हो और बड़ा छोटा का भेद मिटाकर सब समान हैं, की भावना को विकसित करें। राष्ट्र व समाज हित में सभी जातियों का योगदान रहा है। ऐसी कोई जाति नही जिसमें महापुरुष न पैदा हुए हैं।

ये रहे मौजूद
बैठकों में अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक, प्रांत संघचालक ज्ञानेंद्र सचान, प्रांत प्रचारक श्री राम, सह प्रांत प्रचारक रमेश, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ.अनुपम, प्रांत सह कार्यवाह भवानीभीख, प्रांत सेवा प्रमुख डा। अरुण ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।

बनारस के लिए रवाना
कानपुर प्रवास पर तीन दिन रहने के बाद ट्यूजडे देर शाम सर संघचालक डॉ। मोहन भागवत शहर से वापस चले गए। डॉ। भागवत अब बनारस गए हैैं। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें शहर से विदा किया गया।