कानपुर (ब्यूरो) शहर के 110 वार्ड में से 48 वार्ड में सर्वे पूर हो चुका है। जबकि 24 वार्डों का सर्वे चल रहा है। बाकी वार्ड में जल्द ही सर्वे शुरू करने की तैयारी है। इन एरिया में ज्यादातर सोसाइटी क्षेत्र वाला एरिया है। बताया जा रहा है कि कुल 110 वार्डों के सर्वे में लगभग ढाई लाख से अधिक नई प्रापर्टी निकलने की संभावना है। कंपनी के मुताबिक, पनकी, अर्रा, रतनलाल नगर, दहेली सुजानपुर, नौबस्ता, गोविंद नगर, बर्रा, आवास विकास, सब्जी मंडी किदवई नगर, कल्याणपुर नार्थ और साउथ, अंबेडकर नगर, यशोदा नगर ईस्ट और वेस्ट, जूही हमीरपुर रोड आदि जगहों अधिक प्रापर्टी सामने आई हैं।

60 करोड़ से अधिक टैक्स वूसली
सर्वे कर रही कंपनी के मुताबिक, अभी तक 48 वार्डों में करीब 4.40 लाख प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा किया जा चुका है। जिनमें 1.25 लाख के लगभग नई प्रापर्टी सामने आई हंै। इनमें तकरीबन बीस से पच्चीस परसेंट फ्लैट हैं, जोकि पांडु नगर, सर्वोदय नगर, सिविल लाइंस, नवाबगंज, किदवई नगर, नौबस्ता, स्वरूप नगर, आर्य नगर समेत अन्य एरिया में बने हैं या फिर बन रहे हैं। इन सभी फ्लैट को अब हाउस टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है। इसके अलावा लगभग तीस हजार से अधिक लोगों ने घरों में दुकानें और गोदाम बना रखे हैं। जबकि यह लोग कमर्शियल के बजाए हाउस का टैक्स दे रहे हैं।

2.50 लाख तक बढ़ेगी नई प्रापर्टी
कंपनी के मुताबिक, अभी 38 वार्डों की प्रॉपर्टी का सर्वे पूरी तरह से बाकी है। वहीं, चल रहे 24 वार्डों के सर्वे का काम भी अगले कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। वहीं, संभावना है कि कुल सर्वे में लगभग ढाई लाख नई प्रापर्टी सामने आएंगी। इससे नगर निगम की आय बढ़ेगी। कुल वार्डों के सर्वे के बाद नगर निगम लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक हाउस टैक्स की अतिरिक्त वसूली करेगा। नगर नगर ऑफिसर्स के मुताबिक, सर्वे पूरा होने के बाद प्रापर्टी की संख्या के आधार पर टैक्स को लेकर नगर निगम को काफी फायदा मिलेगा।

पहले से कहां कितनी प्रॉपर्टी दर्ज
जोन-1---- 33,781
जोन-2--- 1,14,578
जोन-3---- 65,814
जोन-4---- 32,020
जोन-5---- 75,009
जोन-6---- 83,149

एक नजर में जाने हाल
48 वार्डों का सर्वे पूरा
24 वार्डों में चल रहा सर्वे
38 वार्ड के सर्वे काम अधूरा
4.40 लाख प्रॉपर्टी सर्वे का काम हुआ पूरा
1.25 लाख से अधिक नई प्रापर्टी
70 करोड़ रुपए होगी अधिक वसूली

फाइनेंशिल ईयर-लक्ष्य- वसूली

2018-19 185 करोड़ 165 करोड़
2019-20 230 करोड़ 159 करोड़

2020-21 230 करोड़ 198 करोड़

2021-22 230 करोड़ 219 करोड़

2022-23 230 करोड़ 120 करोड़