कानपुर (ब्यूरो) विकास नगर स्थित रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट््यूट यूपी ही नहीं देश का इकलौता इंस्टीट्यूट है। जहां एक ही कैम्पस में टू व्हीलर से लेकर हैवी व्हीकल की ड्राइविंग ट्रेनिंग दी जाती है। इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल एसपी सिंह ने बताया कि वैसे से देश में गवर्नमेंट के कई ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर है लेकिन कानपुर का रोडवेज ड्राइविंग सेंटर में ड्राइविंग से लेकर हॉस्टल तक की व्यवस्था है। जहां रोडवेज के ड्राइवर्स, गवर्नमेंट के ड्राइवर्स के साथ पब्लिक भी ड्राइविंग की रिफ्रेशर क्लासेस व फ्रेश क्लास ले सकते हैं।


50-60 ड्राइवर्स की डेली ट्रेनिंग
रोडवेज ऑफिसर्स के मुताबिक यूपी के विभिन्न सिटीज में कार्यरत रोडवेज बसों के ड्राइवर्स को दो दिन की रिफ्रेश ट्रेनिंग दी जा रही है। डेली यूपी के विभिन्न रोडवेज डिपो से 50 से 60 ड्राइवर्स ट्रेनिंग के लिए आ रहे है। दो दिनों की ट्रेनिंग के बाद एक बार ड्राइवर्स का थ्योरी व प्रेक्टिकल टेस्ट लिया जाता है। इंस्टीट्यूट से टेस्ट में पास होने वाले ड्राइवर्स को ही सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।


लैब वैन में नई टेक्निक की जानकारी
कानपुर स्थित रावतपुर रोडवेज वर्कशाप व राम मनोहर लोहिया वर्कशाप में तैयार होने वाली बीएस-6 मॉडल की बसें यूपी की सडक़ों पर जल्द ही बड़ी संख्या में आने वाली है। बीएस-6 मॉडल की बसों में पहले की अपेक्षा कई टेक्निकल बदलाव किए गए है। बस में सेंसरयुक्त कई सुविधाएं है। बसों की टेक्निकल जानकारी ड्राइवर्स को मुहैया कराने के लिए निर्धारित कंपनी के एक्सपर्ट ट्रेनिंग सेंटर में लैब वैन के साथ तैनात किए गए है। जहां लैब में ड्राइवर्स को प्रेक्टिकल रूप से बसों में प्रयोग की गई नई टेक्निक की जानकारी देते हैं।

क्यों पड़ी आवश्यकता
रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल के मुताबिक नई बसों में विभिन्न प्रकार के बदलाव किए गए हैैं। जिनकी छोटी से छोटी जानकारी ड्राइवर्स को देने व एक्सीडेंट पर अंकुश लगाने के लिए सभी रोडवेज ड्राइवर्स को रिफ्रेश ट्रेनिंग देने की योजना शासन ने बनाई है। इसके अलावा ट्रेनिंग में नशा न करना व अपने स्वास्थ्य के प्रति अवेयर भी किया जाता है। जिससे एक्सीडेंट पर भी काफी हद तक अंकुश लग सके।

यह भी जान लीजिए
- बीते 15 सालों में इंस्टीट्यूट में 1.20 लाख ड्राइवर्स ट्रेनिंग ले चुके है
- जिसमें रोडवेज के डाइवर्स के साथ गवर्नमेंट डिपार्टमेंट ड्राइवर्स व पब्लिक भी है
- वर्तमान में यूपी के 6 हजार ड्राइवर्स को रिफ्रेश ड्राइविंग क्लास दी जा रही है

ड्राइविंग के यह स्टेप
- थ्योरी
- प्रेक्टिकल
- थ्री डी सेमुलेटर में ड्राइविंग ट्रेनिंग
- ट्रैक में ड्राइविंग ट्रेनिंग व टेस्ट
- लैब वैन में बीएस-6 मॉडल की टेक्निकल जानकारी

एक नजर में
- 1.20 लाख लोग इंस्टीट्यूट में अभी तक ले चुके ट्रेनिंग
- 6 हजार रोडवेज बस ड्राइवर्स को दी जानी है ट्रेनिंग
- 50 से 60 ड्राइवर्स को डेली ट्रेनिंग दी जा रही है

टेक्निक पता न होने से हो चुके बड़े हादसे
नई तकनीकी से लैस वर्तमान में आने वाली बसों की टेक्निकल जानकारी पुराने ड्राइवर्स को न होने की वजह से सिटी में एक वर्ष पूर्व दो सप्ताह के अंदर दो बड़े हादसे हुए थे। टाटमिल चौराहे पर ई-बस ने एक दर्जन से अधिक लोगों को रौंद दिया था। जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 10 दिन बाद एक बार फिर से टाटमिल चौराहे पर ई-बस ने रेड लाइट पर खड़े लोगों को टक्कर मार दी थी। जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे।
&& यूपी के विभिन्न डिपो से रोडवेज बस के ड्राइवर्स रिफ्रेश ड्राइविंग ट्रेनिंग व बीएस-6 मॉडल की बसों की टेक्निकल जानकारी लेने के लिए इंस्टीट्यूट में आ रहे हैं। छह हजार बस ड्राइवर्स को ट्रेनिंग देने का टारगेट रखा गया है.&य&य
एसपी सिंह, प्रिंसिपल, रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, विकास नगर