कानपुर (ब्यूरो) एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि चोरी की घटनाओं में पकड़े गए बहराइच के हजूरपुर के भंगाहा गांव निवासी सरगना धर्मेन्द्र कश्यप, बहराइच के पयागपुर इमलिया गांव निवासी परमवीर वर्मा, केशरगंज के हाजीपुर निवासी नरेन्द्र वर्मा, पयागपुर के मछियाही निवासी सुनील कुमार उर्फ मोहित, चिलवरिया के मछियाही गांव निवासी विशाल कुमार हैं। धर्मेंद्र ने बताया कि वह चार साल पहले एक चोरी के मामले में लखनऊ में गैैंग के साथ पकड़ा गया था। उसने कोर्ट में अपना जुर्म भी कबूल किया था। जिसके बाद उसे सजा हुई थी। करीब तीन महीने पहले ही वह जेल से छूटा था। इसके बाद उसने पुराने गैैंग को छोड़कर नया गैैंग बना लिया था।
बहराइच के शातिरों को किया शामिल
बहराइच के चार अन्य साथियों के साथ मिलकर गैैंग बनाया और कानपुर नगर व कानपुर देहात की दुकानों में चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया.उन्होंने बताया कि उनके गैैंग के शातिर पहले दुकान में ग्राहक बनकर रेकी करते थे। फिर रात में घटना को अंजाम देते थे। उनके पास से चोरी के 10 रुपये के 1415 सिक्के, पांच रुपये के 1163 सिक्के,18 मोबाइल,पांच ब्लू टूथ आदि माल बरामद हुआ। एडीसीपी दक्षिण ने बताया कि चोरों को पकडऩे वाली टीम को डीसीपी साउथ ने 10 हजार का नकद ईनाम घोषित किया है।
चोरों पर पर दर्ज मुकदमे
नौबस्ता थाना प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि धर्मेंद्र के खिलाफ लखनऊ,नौबस्ता, हनुमंत विहार, बर्रा, रनिया में चोरी और आम्र्स एक्ट में 10 मुकदमे दर्ज हैं। परमवीर के खिलाफ नौबस्ता,हनुमंत विहार,बर्रा, रनिया में चार मुकदमे, नरेन्द्र के खिलाफ बहराइच के नानपारा, नौबस्ता, हनुमंत विहार, बर्रा और रनिया में पांच मुकदमे, विशाल पर बहराइच के कैसरगंज,कानपुर देहात के रनिया, बर्रा, हनुमंत विहार, नौबस्ता में पांच मुकदमे और सुनील कुमार के चार चोरी के मुकदमे दर्ज हैं।