कानपुर (ब्यूरो) सेंट्रल गवर्नमेंट से पास हो चुकी आरडीएसएस के अंर्तगत बिजली चोरी वाले हाईलॉस एरियाज में अंडरग्र्राउंड पॉवर सप्लाई नेटवर्क बिछाया जाएगा। इसके लिए केस्को हाईलॉस वाले फीडर चिंहित कर चुका है। इनमें अफीमकोठी, कोपरगंज, डिप्टी पड़ाव, छप्पर मूलगंज, साइकिल मार्केट लालइमली , न्यू मालरोड, म्योर मिल सिविल लाइंस्र, सरसैयाघाट, आरपीएच ओल्ड वीआईपी रोड, कम्पनीबाग बीएस पार्क, दालमंडी, घंटाघर, खासबाजार, जरीबचौकी, जवाहर नगर, बेनाझाबर,बाबूपुरवा, किदवई नगर, दर्शनपुरवा, विद्युत कालोनी गोविन्द नगर, पोखरपुर, छबीलेपुरवा, बी ब्लाक पनकी, सर्वोदय नगर आदि सबस्टेशन के एरिया शामिल हैं। हाईलॉस वाले इन फीडर्स से जुड़े मोहल्लों में ओपेन कंडक्टर हटा दिए जाएंगे। आम्र्ड केबिल के जरिए स्मार्ट मीटर लगाकर अंडरग्र्राउंड पॉवर सप्लाई नेटवर्क से कनेक्शन किए जाएंगे। इससे कटियाबाजी खत्म हो जाएगी।

ओवरलोडिंग होगी खत्म, पॉवर कट से मिलेगा छुटकारा
अंडरग्र्राउंड पॉवर सप्लाई नेटवर्क के ओवरलोडिंग की समस्या खत्म करने को फीडर्स का बाईफरगेशन भी इस योजना के किया जाएगा। नए सबस्टेशन और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर भी लगाए जाएंगे। इससे लोगों को पॉवर कट की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। वहीं जर्जर लाइनों से भी छुटकारा मिलेगा। जर्जर तारों की जगह नए कंडक्टर बिछाए जाएंगे। वहीं बिजली चोरी व लाइनलॉस रोकने के लिए एबी केबिल भी बिछाई जाएगी।

8 नए सबस्टेशन बनेंगे
बिजली चोरी व अंडरग्र्राउंड पॉवर सप्लाई नेटवर्क के अलावा आठ नए सबस्टेशन बनेंगे। इसके अलावा 5 व 8 एमवीए की जगह 10 एमवीए के ट्रांसफॉर्मर्स लगाकार सबस्टेशनों की क्षमतावृद्धि की जाएगी। इनके अलावा 5 व 10 एमवीए के 9 पॉवर ट्रांसफॉर्मर भी खरीदे जाएंगे, जिन्हें बदलने के लिए रिजर्व रखा जाएगा। सबस्टेशनों में कैपेसिटर बैंक भी लगाए जाएंगे। केस्को के एक्सईएन मनीष गुप्ता ने बताया कि पहले टेक्निकल और फिर फाइनेंशियल बिड खोली गई। टेक्निकल बिड में क्वालिफाई करने वाली कम्पनीज में जिसके रेट लोएस्ट होंगे, उसे ही वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा।

आरडीएसएस के तहत ये होंगे काम
-- 8 नए सबस्टेशन शहर में बनाएं जाएंगे
-- 1000 किमीर की ऑम्र्ड केबिल बिछाई जाएगी
-- 1705 किमी कंडक्टर की जगह एबी केबिल पड़ेगी
--209 किमी ओवरहेड व अंडरग्र्राउंड केबिल के जरिए फीडर बाईफर होगा
-- 594 किमी। जर्जर ओवरहेड कंडक्टर व अंडरग्र्राउंड केबिल बदला जाएगा

पहले टेक्निकल और फिर फाइनेंशियल बिड खोली गई। टेक्निकल बिड में क्वालिफाई करने वाली कम्पनीज में जिसके रेट लोएस्ट होंगे, उसे ही वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा।
मनीष गुप्ता, एक्सईएन केस्को