कानपुर (ब्यूरो) कुलपति प्रो। विनय पाठक ने प्रो। एमपी.सिन्हा को बधाई दी। कहा कि ऐसे कृतिकार विश्वविद्यालय की धरोहर हैं। ऐसे लोगों से हमें हमेशा कुछ न कुछ सीखने और जानने को मिलता है। उन्होंने अंग्रेजी विभाग के लिए रिसर्च की एक चेन भी विकसित करने की बात कही, ताकि अंग्रेजी विभाग की समृद्ध विरासत को विकसित करने और उसे संजो कर रखने में मदद मिले।
एक कमरे से भव्य संस्थान बना
दोनों किताबों के लेखक सीएसजेएमयू के अंग्रेजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ। एमपी सिन्हा ने बताया कि किताबों में विश्वविद्यालय के साथ जिये पलों को लिपिबद्ध करने की कोशिश की गई है। विश्वविद्यालय के सफरनामा पर आधारित 'सूक्ष्म बीज से बरगदÓ पुस्तक पहले तथा अब के विश्वविद्यालय में हो रहे बदलावों को व्याख्या करते हुए यह बताती है कि कैसे एक कमरे से शुरु होकर यह विश्वविद्यालय आज एक भव्य शैक्षिक संस्थान में परिवर्तित हो चुका है और नित नई उपल्बधियों को छूता जा रहा है।
21 कविताओं का संग्रह
इस किताब में विश्वविद्यालय के विकसित होते पलों को शब्दों से संजोया गया है। दूसरी पगडंडिया काव्य संग्रह में पांच कहानियां और 21 कविताओं का संग्रह किया गया है। इसमें कलम और यथार्थ, नामकरण, अष्टमी का चांद, स्वप्न और यथार्थ जैसी तमाम कविताओं में लेखक ने वर्तमान को शब्दों में पिरोया गया है। अध्यक्षता शिक्षाविद डॉ। जीवन शुक्ल ने की। इस मौके पर रजिस्ट्रार डॉ। अनिल कुमार यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ अंजनी कुमार मिश्र, प्रो। संजय स्वर्णकार, प्रो। सुविज्ञा अवस्थी, डॉ। प्रवीण कटियार, डॉक्टर शिवांशु सचान, आदि लोग मौजूद रहे।