कानपुर (ब्यूरो) सेल्फ फाइनेंस कॉलेज एसोसिएशन ने पत्र देकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में निर्धारित परीक्षा शुल्क के साथ डिग्री शुल्क 1000 रुपये न जमा किए जाने का आग्रह किया था। उनका तर्क था कि अधिकांश कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जिनमें स्टूडेंट्स समय पर फीस तक नहीं जमा कर पाते हैं। ऐसे में 1000 हजार रुपये का अतिरिक्त शुल्क जमा करना मुश्किल है। जिसे आवश्यकता होगी वह बाद में निर्धारित शुल्क देकर डिग्री ले लेगा।

छूट की आस में स्टूडेंट्स
ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेज प्रबंधकों की माने तो बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स इस आस में हैं कि उन्हें डिग्री शुल्क न लिए जाने का आदेश हो जाएगा। इस वजह से अभी तक परीक्षा शुल्क भी जमा नहीं किया है। समझाने के बाद भी वो फीस जमा नहीं कर रहे हैं। कुछ कॉलेज ऐसे हैं जहां 50 फीसदी स्टूडेंट्स ने भी शुल्क जमा नहीं किया है।

परीक्षा शुल्क के साथ ही डिग्री शुल्क लेने का नियम बनाया गया है। डिग्री स्टूडेंट्स के घर पहुंचेगी। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। अधिकांश स्टूडेंट्स ने फीस जमा कर दी है। अभी एक दिन का समय है। जिनकी फीस जमा नहीं होगी उन्हें परीक्षा में नहीं शामिल किया जाएगा।
डॉ। अनिल कुमार यादव, रजिस्ट्रार, सीएसजेएमयू

डिग्री लेेने का स्वैच्छिक विकल्प होना चाहिए। वीएसएसडी कॉलेज में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने डिग्री शुल्क जमा नहीं किया है। हालांकि कॉलेज ने अपने कोष से इन स्टूडेंट्स का शुल्क जमा कराया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थितियां ज्यादा खराब हैं।

डॉ। विपिन कौशिक, प्रिंसिपल वीएसएसडी कॉलेज