कानपुर (ब्यूरो) एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को नो टॉलरेंस नीति पर काम करने के लिए कहा गया है। कई मामले ऐसे सामने आए हैैं, जिसमें जांच के दौरान आरोपी मामले को प्रभावित करने के लिए पीडि़त पर दबाव डालते हैैं, धमकी देने के मामले भी सामने आए हैैं। जिनकी वजह से मामले प्रभावित हो रहे हैैं। पुलिस रिकॉर्ड की माने तो पुलिसकर्मियों से जुड़े ज्यादातर मामलों में समझौते हो जाते हैैं। बड़ा सवाल ये है कि आम आदमी इन गंभीर मामलों में समझौते के लिए महीनों और सालों भटकता रहता है, उसका समझौता नहीं हो पाता है। जबकि पुलिसकर्मियों के मामलों में समझौता चंद महीनों में हो जाता है और पुलिस अधिकारियों से दंड पाए पुलिसकर्मी एक साल के अंदर दूसरे जिलों में नौकरी करते दिखाई देते हैैं।
कानपुर में ये मामले आ चुके हैैं सामने
- मई 2022 में कोतवाली का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें महिला हेल्प डेस्क पर बैठी पुलिसकर्मी के साथ साथी पुलिसकर्मी अभद्रता कर रहा था।
- जून 2022 में एक युवती ने दरोगा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि दरोगा ने शादी का झांसा देकर उसके साथ फिजिकल रिलेशन बनाया और अब शादी से इनकार कर रहा है।
- चकेरी थानाक्षेत्र निवासी एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर पर नाबालिग के परिवार वालों ने रेप और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
- शहर के एक चर्चित इंस्पेक्टर ने कानपुर शहर में तैनाती के दौरान रेप पीडि़ता से ये पूछ था कि ये बताओ रेप कैसे किया गया था, हालांकि इस वारदात को बाद उसे थाने से हटा दिया गया था।
महिला अपराध रोकने के इंतजाम
- डायल 1090
- पिंक पुलिस चौकी
- थानों में महिला हेल्प डेस्क
- डायल -112
- एंटी रोमियो स्क्वॉयड
- प्रबल प्रतिक्रिया एप
- थानों की लेडी इनफॉर्मर्स
- पुलिस की लेटर सेल
- सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरे
- बसों में लगे स्टॉप स्विच
- बसों में छेड़छाड़ रोकने को कैमरे
'' प्रदेश सरकार ने नो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए जिले की पुलिस को निर्देश जारी किए हैैं। इसकी शुरूआत पुलिस से की गई है। केस दर्ज होने के दो दिन में आईपीएस अधिकारी की रिपोर्ट पर आरोपी पुलिस कर्मी को वृहद दंड दिया जाएगा.ÓÓ
प्रशांत कुमार, एडीजी एलओ